“प्रकृति ने स्वयं को कैसे संभाला ' इस विषय पर
एक स्वरचित कविता लिखिए।
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My Title is different.
Explanation:
प्रकृति कविता
मन किसी का गुनगुनाया
कविता बन जाएगी,
दिल किसी का रो पड़ा
वह कविता कहलाएगी,
पर ज़रूरी है कि सुनने
या लिखा,पढ़ने के बाद
हंसने वाला रो पड़े
दिल से कहे क्या बात है,
पढ़ने वाला फ़िर सुने
सुनकर पढ़े , फिर यूँ कहे
क्या है लिख डाला,अजब
बस ख़ुदा की सौगात है,
प्रकृति में हर समय कविता
हवा कविता, घटा कविता
झील कविता,नदी कविता
नीर कविता, क्षीर कविता,
सूर्य, चंद्र, प्रकाश ,तारागण
सभी कविता,जगत कविता
दिल मे भाव जब है जगता
ख़ुद ही रच जाती, कविता !
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