India Languages, asked by aaisha6722, 10 months ago

प्रकृति-प्रत्ययं नियुज्य शब्दं लिखत-
यथा - आ + सीद् + ल्यप् = आसाद्य
(क) जीव् + शतृ
(ख) मृ + क्त
(ग) चिन्त् + क्त्वा
(घ) हन् + तव्यत्
(ङ) आ + नी + तव्यत्
(च) नि + शम् + ल्यप्
(छ) नम् + क्त्वा
(ज) आ + कर्ण + ल्यप्
(झ) नि + क्षिप् + ल्यप्
(ज) मन् + क्त्वा ।
(ट) ज्ञा + क्त्वा
(ठ) नी + क्तवतु
(ड) आ + पद् + क्त
(ढ) हन् + क्तवतु ।
(ण) आ + दिश् + क्त

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Answered by coolthakursaini36
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प्रकृति-प्रत्ययं नियुज्य शब्दं लिखत-

यथा - आ + सीद् + ल्यप् = आसाद्य

(क) जीव् + शतृ    = जीवन्

(ख) मृ + क्त      = मृत:

(ग) चिन्त् + क्त्वा  = चिन्तित्वा

(घ) हन् + तव्यत्   = हन्तव्यः

(ङ) आ + नी + तव्यत् = आनीतव्य

(च) नि + शम् + ल्यप् = निशम्य

(छ) नम् + क्त्वा      = नत्वा

(ज) आ + कर्ण + ल्यप् = आकर्ण्य

(झ) नि + क्षिप् + ल्यप् = निक्षिप्य

(ज) मन् + क्त्वा       = मत्वा

(ट) ज्ञा + क्त्वा        = ज्ञात्वा

(ठ) नी + क्तवतु       = नीतवतु

(ड) आ + पद् + क्त    =  आपद:

(ढ) हन् + क्तवतु ।      = हन्वत्

(ण) आ + दिश् + क्त   = आदिष्ट

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