प्रकृति pe 10 lines in Hindi
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प्रकृति, मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मनुष्य और प्रकृति के बीच का संबंध अभिन्न और अविभाज्य है। हम प्रकृति को धर्म मानते हुए प्रकृति की पूजा करते हैं, अर्थात भगवान के रूप में।
एक व्यक्ति प्रकृति की छाया में खुश महसूस कर सकता है। प्राचीन काल से ही प्रकृति कवियों, लेखकों और चित्रकारों का एक पसंदीदा विषय रहा है। प्रकृति ने हमें बहुमूल्य उपहार दिए हैं। जल, वायु, भूमि, वृक्ष, वन, पर्वत, नदी, सूर्य, चंद्रमा, आकाश, समुद्र ये सब प्रकृति की वस्तुएँ हैं।
हमें प्रकृति के संतुलन को बिगाड़े बिना इसकी सुंदरता का आनंद लेना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि इसकी उपस्थिति को सुंदर बनाए रखा जाए और इसके विनाश को रोका जाए। ताकि हम इसका आसानी से आनंद ले सकें।
भगवान हमारे इस सुंदर प्रकृति के निर्माता हैं। हमें इसके मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ किए बिना संतुलन बनाए रखना चाहिए। ईश्वरीय शक्ति और अदृश्यता को स्वीकार करके इसका आनंद लेना चाहिए।
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Explanation:
प्रकृति भगवान की बनायी सबसे अद्भुत कलाकृति है जो उसने बहुमूल्य उपहार के रुप में प्रदान की है। प्रकृति सब कुछ है जो हमारे आसपास है जैसे पानी, हवा, भूमि, पेड़, जंगल, पहाड़, नदी, सूरज, चाँद, आकाश, समुद्र आदि। ... हमारा स्वाभाव भी प्रकृति के अनुसार बदलता है जैसे खुश और आशावादी सूरज के चमकने के समय, बरसात के समय और वसंत के समय।