प्रकृति से संबंधित दो कविताएँ लिखे
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Answer:
1. Poem on Nature in Hindi – प्रकृति की लीला न्यारी
प्रकृति की लीला न्यारी,
कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,
कहीं उफनता समंद्र है,
तो कहीं शांत सरोवर है।
प्रकृति का रूप अनोखा कभी,
कभी चलती साए-साए हवा,
तो कभी मौन हो जाती,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
कभी गगन नीला, लाल, पीला हो जाता है,
तो कभी काले-सफेद बादलों से घिर जाता है,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
कभी सूरज रोशनी से जग रोशन करता है,
तो कभी अंधियारी रात में चाँद तारे टिम टिमाते है,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
कभी सुखी धरा धूल उड़ती है,
तो कभी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
कहीं सूरज एक कोने में छुपता है,
तो दूसरे कोने से निकलकर चोंका देता है,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
2.. Prakriti Poem in Hindi – हरी हरी खेतों में बरस रही है बूंदे
हरी हरी खेतों में बरस रही है बूंदे,
खुशी खुशी से आया है सावन,
भर गया खुशियों से मेरा आंगन।
ऐसा लग रहा है जैसे मन की कलियां खिल गई,
ऐसा आया है बसंत,
लेकर फूलों की महक का जशन।
धूप से प्यासे मेरे तन को,
बूंदों ने भी ऐसी अंगड़ाई,
उछल कूद रहा है मेरा तन मन,
लगता है मैं हूं एक दामन।
यह संसार है कितना सुंदर,
लेकिन लोग नहीं हैं उतने अकलमंद,
यही है एक निवेदन,
मत करो प्रकृति का शोषण।
Answer:
पर्यावरण बचाओ, आज यही समय की मांग यही है।
पर्यावरण बचाओ, ध्वनि, मिट्टी, जल, वायु आदि सब।
पर्यावरण बचाओ ………..
जीव जगत के मित्र सभी ये, जीवन हमें देते सारे.
इनसे अपना नाता जोड़ो, इनको मित्र बनाओ।
पर्यावरण बचाओ ………..
हरियाली की महिमा समझो, वृक्षों को पहचानो।
ये मानव के जीवन दाता, इनको अपना मानो।
एक वृक्ष यदि कट जाये तो, दस वृक्ष लगाओ।
पर्यावरण बचाओ ………..