Hindi, asked by jiagandhi323gmailcom, 7 months ago

प्रकृति से देश में भेदभाव नहीं करती यह पाव किस पंक्ति द्वारा स्पष्ट होता है​

Answers

Answered by shambhavi1634
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Explanation:

Explanation:पेड़, पौधे, नदियां, पहाड़, हवा, पानी जब किसी इंसान से भेदभाव नहीं करते हैं तो खुद काे सभ्य और आधुनिक कहने वाला इंसान क्यों पंच तत्वों से बने इंसान से ही भेदभाव करता है। मौका पाकर उससे छल-कपट करता है। उसे प्रकृति से सीखना चाहिए। यह बात संत गुलाबदास महाराज ने चौबे काॅलोनी में चल रही परचरी पुराण में गुरुवार को कही। उन्होंने कहा नदियां अपना पानी नहीं पीतीं। पेड़ अपने फल नहीं खाते। वे पत्थर मारने वालों को भी फल ही देते हैं। जबकि भगवान ने हर इंसान को समझ, विवेक व ज्ञान दिया है। वह अच्छे, बुरे को समझ सकता है। उनके अंतर काे जानकर बुराई को त्याग सकता है, फिर भी वह ऐसा नहीं करता है। आखिर मानव की यह प्रवृत्ति उसे कहां ले जाएगी। उन्होंने कहा अापस में ही घमंड, भेदभाव करने और ऐसी नकारात्मक सोच रखने से समाज सभ्य कैसे बनेगा। उन्होंने शास्त्रों व संतों का जिक्र करते हुए कहा वे किसी ईश्वर को एक से ज्यादा नहीं बताते हैं। किसी धर्मग्रंथ में भेद नहीं करते। आखिर में सारे रास्तों से होकर इंसान ईश्वर के पास ही पहुंचता है। इसी प्रकार हर इंसान एक जैसे पंच तत्वों से बना है। उसे यह हमेशा याद रखते हुए शोषितों व जरूरतमंदों की हरसंभव मदद करना चाहिए। यही प्रभु की सेवा है। उसे पाने का रास्ता है

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