Hindi, asked by kuhusingh3203, 10 months ago

प्रकृति स्वर्ग की बराबरी कैसे करती है?

Answers

Answered by harpreet2223
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प्रकृति, व्यापकतम अर्थ में, प्राकृतिक, भौतिक या पदार्थिक जगत या ब्रह्माण्ड हैं। "प्रकृति" का सन्दर्भ भौतिक जगत के दृग्विषय से हो सकता है और सामन्यतः जीवन से भी हो सकता हैं। प्रकृति का अध्ययन, विज्ञान के अध्ययन का बड़ा हिस्सा है। यद्यपि मानव प्रकृति का हिस्सा है, मानवी क्रिया को प्रायः अन्य प्राकृतिक दृग्विषय से अलग श्रेणी के रूप में समझा जाता है। मानव और पशुपक्षी आदि सभी प्रकृति की ही तो देन है!मान व अपनी विकास की ओर बढता जा रहा है ! पर वह प्रकृति की अनदेखा कर रहा है !

Answered by UsmanSant
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प्रकृति स्वर्ग की बराबरी कर सकती है।

  • प्रकृति अपनी विविधताओं के लिए जानी जाती है। यह तमाम, फल, फूल, पेड़ पौधों, कीड़े मकोड़ों, जानवरों आदि से भरी पड़ी है।
  • इस पर हर तरह के संसाधन मौजूद हैं जो किसी जरूरत को पूरा कर सकते हैं।
  • अगर हम स्वर्ग की परिकल्पना करें, जो हम में से किसी ने देखा नहीं है।
  • यह कहा जाता है की स्वर्ग में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होती वहां सब कुछ मौजूद होता है
  • स्वर्ग में किसी भी व्यक्ति की सुख सुविधाएं की सारी चीजें वहां होती हैं।
  • परंतु अगर हम इसे एक और पहलू से देखे तो यह पाएंगे की किसी भी वस्तु की सुख सुविधाएं आदि धरती पर रह कर उसके हिसाब से ही बनी पड़ी है और इनकी कल्पना भी हम आस पास के लोगों और सुविधाओं को देख कर करते हैं।
  • तो हम यह कह सकते हैं की प्रकृति स्वर्ग की बराबरी ही नहीं उससे कहीं ऊपर है।

#SPJ2

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