Hindi, asked by ygarg593210, 1 month ago

प्रखरः
शेखरः
14. प्रदत्तं संवादं पूरयत – (दिए गए संवाद को पूरा कीजिए)
प्रखर: शेखर! मम पुस्तकं कुत्र अस्ति?
शेखरः
किं पुस्तकम्?
यत् त्वया ह्यः 1 a आसीत्।
तत् तु मया 2
आसीत्।
नहि, तत् मम 3
नास्ति।
शेखरः निपुणं निरीक्षतु 4 .. । तत्रैव भविष्यति।
अये! विस्मृतं मया, तत् तु मया 5 न प्रदत्तम् अस्ति।

दिनेशाय, स्वीकृतम्, स्यूते, प्रत्यावर्तितम्, भवान्
प्रखरः
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प्रखरः​

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Answered by Anonymous
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Answer:

1917 की रूसी क्रांति बीसवीं सदी के विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना रही। 1789 ई. में फ्रांस की राज्यक्रांति ने स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व की भावना का प्रचार कर यूरोप के जनजीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित किया। रूसी क्रांति की व्यापकता अब तक की सभी राजनीतिक घटनाओं की तुलना में बहुत विस्तृत थी। इसने केवल निरंकुश, एकतंत्री, स्वेच्छाचारी, ज़ारशाही शासन का ही अंत नहीं किया बल्कि कुलीन जमींदारों, सामंतों, पूंजीपतियों आदि की आर्थिक और सामाजिक सत्ता को समाप्त करते हुए विश्व में मजदूर और किसानों की प्रथम सत्ता स्थापित की। मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वैज्ञानिक समाजवाद की विचारधारा को मूर्त रूप पहली बार रूसी क्रांति ने प्रदान किया। इस क्रांति ने समाजवादी व्यवस्था को स्थापित कर स्वयं को इस व्यवस्था के जनक के रूप में स्थापित किया। यह विचारधारा 1917 के पश्चात इतनी शक्तिशाली हो गई कि 1950 तक लगभग आधा विश्व इसके अंतर्गत आ चुका था।

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