प्रल नेटवर्किग कौशल क्या है?
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हमारी शिक्षा प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े व्यावहारिक कौशल पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है, क्योंकि यह परंपरागत रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं है। इसलिए अधिकांश कंपनियों द्वारा इस कौशल को प्राप्त करने के लिए अपने कर्मचारियों को भारी पैसा खर्च कर प्रशिक्षित किया जाता है।
इससे किसी भी संगठन पर ढेर सारा आर्थिक दबाव पड़ता है, साथ ही कंपनी की आवश्यकतानुसार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने में बहुत सारा समय भी नष्ट होता है। इसका परिणाम यह हुआ कि आज अधिकांश संगठनों द्वारा प्रशिक्षित तथा कुशल व्यक्तियों को अपनी आवश्यकता हेतु वरीयता दी जा रही है।
कैसे प्राप्त करें कौशल?
कम्प्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग के क्षेत्र में इन कौशल को युवाओं द्वारा व्यक्तिगत रूप से विशिष्ट रूप से डिजाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर हासिल किया जा सकता है। जिन लोगों ने रेग्यूलर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से अपना कम्प्यूटर कोर्स किया है प्रायः उन्हें सीधे-सीधे जॉब नहीं मिल पाता भले ही उक्त आईटी कौशल उन्होंने महँगी फीस जमा कर ही क्यों न प्राप्त किया हो।
इसका कारण यह है कि उनके पास आईटी का रचनात्मक गहन ज्ञान नहीं होता है और न ही कार्य की आवश्यकता के अनुरूप सॉफ्ट स्किल्स होती है। इसीलिए कम्प्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग इंस्टीट्यूट द्वारा चलाए जा रहे, विभिन्न पाठ्यक्रम इस क्षेत्र में करियर बनाने में मददगार साबित हुए हैं।
करियर निर्माण के क्षेत्र
कम्प्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग की पढ़ाई तथा प्रशिक्षण प्राप्त कर भारत ही नहीं विदेशों में भी बतौर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोफेशनल, कम्प्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर, आईटी मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव, लाजिस्टिक मैनेजर, नेटवर्क इंजीनियर तथा कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव करियर बनाया जा सकता है।
कम्प्यूटर हार्डवेयर में मास्टर्स इन नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन (एमएनए) तथा सर्टिफाइड हार्डवेयर नेटवर्किंग प्रोग्राम का हेल्वेट पेकार्ड, आईबीएम, जेनिथ कम्प्यूटर्स, रिलायंस, सेमसंग, टाटा, सिफी, एचसीएल, एलाइड डिजिटल, एलजी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अच्छे वेतन पर रोजगार प्राप्त किया जा सकता है तथा अपना खुद का रोजगार स्थापित कर अच्छी आय अर्जित की जा सकती है।
स्रोत: नईदुनिया अवसर
सारी दुनिया में हैं अवसर
जिस तरह से आईटी, फार्मा रिटेल और टूरिज्म में भारत धूम मचा रहा है, सारी दुनिया की आँखें भारतीय टेक्नोक्रेट्स पर टिकी हुई हैं। भारतीय टेक्नोक्रेट्स परिश्रमी तथा लगातार काम करने में माहिर होते हैं तथा इनकी परिष्कृतता अन्य देशों के टेक्नोक्रेट्स से ज्यादा है, इसलिए कम्प्यूटर हार्डवेयर का कोर्स करने वाले युवाओं के लिए करियर निर्माण की सीमाएँ अनंत हैं।
दुनियाभर में कम्प्यूटर प्रणालियों में अपग्रेडिंग जारी है और इस काम में भारतीय टेक्नोक्रेट माहिर हैं वे मात्र मरम्मत कर महँगे तथा ऐसे उपकरण सुधार देते हैं, जिन्हें विदेशी टेक्नोक्रेट सीधे बदलने की सलाह देते हैं। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में भारत हार्डवेयर और नेटवर्किंग व अंतराष्ट्रीय केंद्र बन जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
क्या करते हैं कम्प्यूटर प्रोफेशनल्स
पिछले दशक में कम्प्यूटर दैनिक जीवन का एक अनिवार्य अंग बन गया है। इसका उपयोग घरों में, ऑफिस में, स्कूलों में तेजी से हो रहा है और हर कम्प्यूटर यूजर को किसी न किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कम्प्यूटर के इस प्रकार होने वाले विस्फोटक उपयोग ने इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की बहुत डिमांड पैदा कर दी है। दिन-प्रतिदिन उपयोग होने वाले एडमिनिस्ट्रेशन, मेंटेनेंस और कम्प्यूटर सिस्टम व नेटवर्क में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
कम्प्यूटर सपोर्ट स्पेशलिस्ट, कस्टमर को तकनीकी सहायता और सलाह देता है। इनमें टेक्निकल सपोर्ट स्पेशलिस्ट और हेल्प-डेस्क टेक्नीशियन भी शामिल होते हैं। ये लोग टेलीफोन कॉल्स अटेंड करते है, समस्या को देखते हैं और उसका समाधान करते हैं। ये या तो किसी कंपनी के लिए कार्य करते हैं या सीधे कम्प्यूटर हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर कंपनी से जुड़े रहते हैं।
टेक्निकल सपोर्ट स्पेशलिस्ट किसी संस्थान के कम्प्यूटर यूजर्स को उनकी समस्या के समाधान के लिए ऑटोमेटिक डाइग्नोस्टिक प्रोग्राम उपलब्ध कराते हैं। मॉनीटर, की-बोर्ड, प्रिंटर व माउस को इंस्टाल करना, साफ करना और कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को रिपेयर करना इनका प्रमुख कार्य होता है।