प्रम-3 निम्नलिखित प्रत्रों में से किन्ही तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए (6)
1.कबीर घास की निंदा करने से व्यों मना करते हैं। पढे हुए दोहे के आधार पर स्पष्ट कीजिए?
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- कबीर के दोहे में घास का विशेष अर्थ क्योंकि इसमें। उन्होंने पेरो के नीचे रोंदी जाने वालीं घास के बारे में कहा है हमें कभी उससे निर्बल या कमजोर नही समझना चाहिए क्योंकि उसका छोटा तिनका भी यदि आंख में पड़ जाए तो कष्टकर होता है।
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• घास का अर्थ है पैरों में रहने वाली तुच्छ वस्तु। कबीर अपने दोहे में उस घास तक की निंदा करने से मना करते हैं जो हमारे पैरों के तले होती है। कबीर के दोहे में ‘घास’ का विशेष अर्थ है। यहाँ घास दबे-कुचले व्यक्तियों की प्रतीक है। कबीर के दोहे का संदेश यही है कि व्यक्ति या प्राणी चाहे वह जितना भी छोटा हो उसे तुच्छ समझकर उसकी निंदा नहीं करनी चाहिए। हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
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