Economy, asked by rohitchouhan5234, 1 month ago

प्रमाणन तथा नैत्यक जांच में अंतर स्पष्ट कीजिए

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Answered by shishir303
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प्रमाणन तथा नैत्यक जांच में अंतर इस प्रकार है...

प्रमाणन : प्रमाणन से तात्पर्य व्यवसाय खातों में अंकेक्षण के द्वारा की गई प्रविष्टियों तथा लेखों के परीक्षण किए जाने से है। व्यवसायिक खातों के प्रविष्टियों के प्रमाण को प्रमाणित करना ही प्रमाणन कहलाता है। जैसे क्रय-विक्रय और भुगतान संबंधी प्रक्रिया के लिये जो प्रमाणक प्रस्तुत किये जाते हैं, इन्हे प्रमाणित करना ही प्रमाणन कहलाता है। जैसे प्राप्ति या भुगतान की रसीद आदि।

नैत्यक जांच : छोटे-बड़े किसी भी व्यापारिक संस्थान में कुछ पठन-लिखित सामग्री पुस्तकों आदि के रूप में तथा लेखों आदि के रूप में रखनी पड़ती है। इन सभी पठन सामग्री की सत्यता की जांच करना ही नैत्यक जांच कहलाती है। नैत्यक जांच में प्रारंभिक लेखे की पुस्तक का जोड़ना उसे अगले पन्ने पर ले जाना, फिर खाताबही खतियाने की जांच करना और अलग-अलग खातों के जोड़ तथा शेष की जांच करना और शेष तलपट में सही लिखी गई हैं या नहीं, यह जांचा जाता है।

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Answered by ashishguptaseetaram4
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प्रमाणन तथा नैत्यक जांच में अंतर स्पष्ट कीजिए

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