Hindi, asked by sujataronge1, 6 months ago

‘प्रणाम’ भारतीय िंस्कृर्त में बड़ा महत्त्व है| यह अपने े बड़ों- श्रध्येय तथा आदरणीय

जनों के प्रर्त आत्मीयता का प्रतीक है| माता-वपता के अर्तररक्त माज के भी वदृ धजनों,

अर्तथथयों, ाधू- िंतो को अपनी परिंपरा िे अनु ार प्रणाम करना मानव-धमं है| वस्तुत: प्रणाम

जीवन रूपी क्षत्रे में आशीवादि का अन्न उगाने का बीजमिंत्र है| प्रणाम के िंबधिं में मनुकी

मान्यता है कक ‘वदृ धजनों’ व ‘माता-वपता’को जो र्नत्य ेवा प्रणाम े प्र न्न रखता है| उ की

आयु-ववदया-यश-बि चारों की वदृथध होती है| प्रणाम के बि पर ही बािक माकं डेय ने प्तवषियों

े थचरिंजीवी होने का वरदान प्राप्त ककया था| महाभारत के यदुध के आरम्भ में युथधब्ठिर ने

वपतामह भीठम, गुरु द्रोणाचायि, कुि गुरु कृपाचायि एविं महाराज शल्य को, यदयवप ये भी

कौरोवों की तरफ थे, प्रणाम करके उन े ‘ववजयी भव’ का आशीवािद प्राप्त ककया| प्रणाम की

महत्ता र्नरुवपत करते हुए िंत तुि ी कहते हैंकक “वह मानव-शरीर व्यथि है जो ज्जनों के

म्मुख नहीिं झुकता |”



4. गदयािंश के आधार पर ‘प्रणाम’ का महत्त्व सिखखए |​

Answers

Answered by mdhpriya2007
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Answer:

Adiameter of acidensa chord that

Radius

in

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