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सेलुलोज पॉली सेकेराइड है किन्तु आयोडीन के साथ यह नीला रंग नहीं देता क्यों ?
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polysaccharide in hindi) म्यूको पॉलीसैकेराइड , संचायक , संरचनात्मक किसे कहते है , पॉली सेकेराइड क्या है ,पॉलीसैकेराइड ?
पॉली सेकेराइड : वे कार्बोहाइड्रेट जिनके जल अपघटन से अनेक मोनो सैकेराइड बनते है उन्हें पॉलीसैकेराइड कहते है।
म्यूको पॉलीसैकेराइड , संचायक , संरचनात्मक , पॉलीसैकेराइड क्या है (polysaccharide meaning in hindi) : यह अनेक मोनोसेकेराइड (9 से अधिक) के संघनन से बनता है। इस अभिक्रिया में एक जल के अणु की हानि होती है।
पोलीसैकेराइड को संरचनात्मक रूप से होमोपोलीसैकेराइड तथा हिटरोपोलीसैकेराइड में विभाजित किया गया है। होमोपोलीसेकेराइड में एक ही प्रकार की मोनोसेकेराइड इकाइयाँ होती है। उदाहरण : स्टार्च , ग्लाइकोजन सेल्यूलोज आदि। हिटरोपोलीसैकेराइड में दो या अधिक प्रकार के मोनोसैकेराइड इकाइयां पाई जाती है। उदाहरण : agar , काइटिन , अरेबिनोज आदि।
पॉलीसेकेराइड मीठे नहीं होते है तथा जल में अघुलनशील होते है। ये कोशिका झिल्ली को पार नहीं कर सकते है। ये सक्रीय विधि से विसरित होते है।
पॉलीसैकेराइड मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है –
1. संचायक पॉलीसैकेराइड
2. संरचनात्मक पॉलीसैकेराइड
3. म्यूको पॉलीसैकेराइड
1. भोजन संचायक पॉलीसैकेराइड
(i) स्टार्च : यह अधिकांश पादपों का संचय किया हुआ पोलीसैकेराइड होता है। यह अनाजों जैसे चावल , गेहूँ ,मक्का , बाजरा , आलू , केला , tapioca , legumes में प्रचुर मात्रा में मिलता है। यह क्लोरोप्लास्ट या एमाइलोप्लास्ट में संचयित होते है। स्टार्च के दो घटक होते है। एमाइलोज (अशाखित बहुलक जल में घुलनशील , स्टार्च का 20-30% भाग बनाता है) और एमाइलोपेक्टिन (शाखित बहुलक , जल में अघुलनशील स्टार्च का 70-80% भाग बनाती है) | एमाइलोज एक निरंतर सीधी लेकिन हेलीकल आकार में व्यवस्थित श्रृंखला होती है जिसमे प्रत्येक turn (चक्र) में लगभग छ: ग्लूकोज इकाई होती है। ये निरंतर ग्लूकोज की इकाइयाँ आपस में α (1 → 4) लिंकेज द्वारा जुडी होती है। एमाइलोपेक्टिन स्टार्च अणु का बाह्य शाखित भाग होता है। इसमें 25-30 ग्लूकोज इकाइयों की छोटी श्रृंखला α (1 → 4) बंध द्वारा जुडी होती है जबकि आपस में α (1 → 6) बंध द्वारा जुड़ते है। स्टार्च आयोडीन के साथ नीला रंग देता है , यह एमाइलोज भाग के कारण होता है जबकि एमाइलोपेक्टिन आयोडीन के साथ लाल रंग देता है। स्टार्च छोटे छोटे Granules के रूप में होता है जिन्हें स्टार्च ग्रेन्स कहते है।
स्टार्च grains कई प्रकार के हो सकते है।
(a) साधारण परिसरिय स्टार्च ग्रेन – उदाहरण : आलू
(b) साधारण एककेन्द्रिक स्टार्च ग्रेन – उदाहरण : मक्का , मटर , गेहूँ
(c) कंपाउंड स्टार्च ग्रेन्स – उदाहरण : चावल , ओट
(d) डम्ब-बैल आकारीय स्टार्च ग्रेन्स – उदाहरण : युफोर्बिया
(ii) ग्लाइकोजन : यह जंतुओं , जीवाणुओं व कवकों का संचयित भोजन होता है। इसका संचय आदमी की पेशियों और यकृत में होता है। ग्लाइकोजन अणु में लगभग 30,000 ग्लूकोज इकाइयाँ होती है। ग्लाइकोजन का निर्माण ग्लूकोज से यथावत ग्लाइकोजेनेसिस द्वारा होती है। दो प्रकार के बंध पाए जाते है। सीधे भाग में α (1 → 4) बंध , और शाखित भाग में α (1 → 6) बन्ध पाए जाते। यह आयोडीन विलयन में लाल रंग देता है।
(iii) इन्युलिन : यह सबसे छोटे पोलीसैकेराइड होते है। एक फ्रक्टोज का बना हुआ , असामान्य पोलीसैकेराइड होता है। यह β (2→1) ग्लाईकोसिडिक बंध का बना होता है। इन्युलिन का मानव शरीर में उपापचय नहीं होता है। एवं यह लगातार किडनी में होकर फ़िल्टर की जाती है। इसलिए इसे वृक्क (किडनी) के function (कार्य) की टेस्टिंग में उपयोग करते है। यह कम्पोजिटी फैमिली की जड़ो में संचयित भोजन होता है। उदाहरण : Dahlia