प्रसार शिक्षा के जनक कहे जाते हैं :
(a) जी. एच. थामसन
(c) डब्यू. एच. बट्ट
(b) ओ. पी. दाहमा
(d) जेम्स स्टूअर्ट
Answers
सही (✓) विकल्प होगा...
✔ ओ. पी. धामा
➲ ओ. पी. धामा भारत में प्रसार शिक्षा के जनक माने जाते हैं। विश्व में प्रसार शिक्षा के जनक ‘जे. पॉल. लीगन’ माने जाते हैं।
व्याख्या ⦂
✎... ‘जे. पॉल लीगन’ प्रसार शिक्षा के जनक माने जाते हैं। उनके अनुसार प्रसार शिक्षा एक व्यवहारिक व सामाजिक विज्ञान है, जिसमें शोध करने से प्राप्त प्रासंगिक सामग्री, क्षेत्र के अनुभव व प्रासंगिक सिद्धांत उपयोगिता, तकनीकों का संश्लेषण विचार व प्रतिक्रिया आदि आती है, जिससे व्यक्ति किसी विद्यालय अथवा विश्वविद्यालय में जाए बिना भी ज्ञान प्राप्त कर सकता है।
ओपी धामा प्रसार शिक्षा के विशेषज्ञ थे, जो भारत में प्रसार शिक्षा के जनक माने जाते हैं। उन्होंने प्रसार शिक्षा को एक शैक्षणिक क्रिया के रूप में परिभाषित किया, जिससे ग्रामीण स्थानों पर रह रहे लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित नई-नई तकनीकों आदि को के बारे में बताया जाता है। जिससे वे अपने कामों को सरल बना सके तथा अलग-अलग परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता विकसित कर सकें।
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