Political Science, asked by ayushyadavayushyadav, 5 months ago

प्रस: शॉक थेरेपी की सर्वोपरी मान्यता क्या थी।​

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Answered by ganeshholge7
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शक थेरेपी की सर्वोपरि मान्यता थी कि मिल्कियत का सबसे प्रभावी रूप निजी ...

Answered by anjumraees
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शक थेरेपी ' की सर्वोपरि मान्यता थी कि मिल्कियत का सबसे प्रभावी रूप निजी स्वामित्व होगा।

Explanation:

शक थेरेपी ' की सर्वोपरि मान्यता थी कि मिल्कियत का सबसे प्रभावी रूप निजी स्वामित्व होगा।

इसके अंतर्गत राज्य की संपदा के निजीकरण और व्यावसायिक स्वामित्व के ढाँचे को तुरंत अपनाने की बात शामिल थी। सामूहिक 'फार्म' को निजी 'फार्म' में बदला गया और पूँजीवादी पद्धति से खेती शुरू हुई।

शक थेरेपी

:

शॉक थेरेपी का शाब्दिक अर्थ है

‘आघात पहुँचकर उपचार करना‘।

सोवियत संघ के विघटन के बाद जब रूस, मध्य एशिया के गणराज्य और पूर्वी यूरोप के देशो मे साम्यवाद से पूंजीवाद की ओर परिवर्तन के मॉडल को शॉक थेरेपी कहा गया।

यह थेरेपी विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा निर्देशित थी।

शॉक थेरेपी क्या है?

शॉक थेरेपी का शाब्दिक अर्थ है ‘आघात पहुँचकर उपचार करना‘।

सोवियत संघ के विघटन के बाद जब रूस, मध्य एशिया के गणराज्य और पूर्वी यूरोप के देशो मे साम्यवाद से पूंजीवाद की ओर परिवर्तन के मॉडल को शॉक थेरेपी कहा गया।

यह थेरेपी विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा निर्देशित थी।

विशेषताएँ

:

देश मे पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का होना।

देश मे निजी स्वामित्व का होना।

राज्य की सम्पदा का निजीकरण होना।

‘सामूहिक फार्म’ को ‘निजी फार्म’ मे बदलना।

पूंजीवादी पद्धति से खेती करना।

पूंजीवादी व्यवस्था को अपनाने के लिए वित्तीय खुलापन, मुद्राओ की आपसी परिवर्तनीयता और मुक्त व्यापार की नीति महत्वपूर्ण मानी गयी।

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