प्रस्तुत अभंनगातून संत जनाबाईच्या मनातील विट्टलविषयीच्या कोणत्या भावभावना दिसून येतात ते सांगा
Answers
Explanation:
इस समृद्ध पृष्ठभूमि पर जनाबाई का नाम एक उपेक्षित किंतु बहुगुण संपन्न संत कवयित्री के रुप में लेना होगा। जनाबाई महाराष्ट्र की एकमात्र ऐसी संत कवयित्री हैं जिनकी बानी में स्त्री-मन की अभिव्यक्ति होती है। वे अपने नितांत अकेलेपन में भी न जोगन होने की बात करती हैं न ही पुरुष संतों की देखादेखी उधार के भावों को अभिव्यक्त करती हैं। आत्मानुभवों की विशुद्ध अनुभूति जनाबाई की कविता की विशेषता रही। बल्कि जिस समय पुरुष संतों का बोलबाला था, उस समय जनाबाई अपने स्त्रीत्व पर गर्व करती हैं और 'स्त्री जन्म म्हणुनिया न व्हावे उदास'की सीख देती हैं। इसी स्त्रीत्व के माध्यम से वात्सल्य से लेकर श्रृंगार तक की कई अनुभूतियों को जीवंतता प्रदान करती हैं। जनाबाई के स्वर में ऐसे-ऐसे तत्व निहित हैं जो महाराष्ट्र तो क्या, समग्र भारतीय संत-साहित्य में दुर्लभ हैं।