प्रस्तुत काव्यांश का केंद्रीय भाव क्या है स्पष्ट कीजिए
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Answer:
poem kaha he?
Explanation:
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Explanation:
परीक्षा में विद्यार्थियों को अपठित काव्यांश दिया जाएगा। उस काव्यांश से संबंधित पाँच लघूत्तरात्मक प्रश्न पूछे जाएँगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा तथा कुल प्रश्न पाँच अंक के होंगे।
प्रश्न हल करने की विधि
अपठित काव्यांश पर आधारित प्रश्न हल करते समय निम्नलिखित बिंदु ध्यातव्य हैं-
विद्यार्थी कविता को मनोयोग से पढ़ें, ताकि उसका अर्थ समझ में आ जाए। यदि कविता कठिन है, तो उसे बार-बार पढ़ें, ताकि भाव स्पष्ट हो सके।
कविता के अध्ययन के बाद उससे संबंधित प्रश्नों को ध्यान से पढ़िए।
प्रश्नों के अध्ययन के बाद कविता को दुबारा पढ़िए तथा उन पंक्तियों को चुनिए, जिनमें प्रश्नों के उत्तर मिल सकते हों।
जिन प्रश्नों के उत्तर सीधे तौर पर मिल जाएँ उन्हें लिखिए।
कुछ प्रश्न कठिन या सांकेतिक होते हैं। उनका उत्तर देने के लिए कविता का भाव-तत्व समझिए।
प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट होने चाहिए।
प्रश्नों के उत्तर की भाषा सहज व सरल होनी चाहिए।
उत्तर अपने शब्दों में लिखिए।
प्रतीकात्मक व लाक्षणिक शब्दों के उत्तर एक से अधिक शब्दों में दीजिए। इससे उत्तरों की स्पष्टता बढ़ेगी।
उदाहरण
निम्नलिखित काव्यांशों तथा इन पर आधारित प्रश्नोत्तरों को ध्यानपूर्वक पढ़िए –
1. अपने नहीं अभाव मिटा पाया जीवन भर
पर औरों के सभी अभाव मिटा सकता हूँ।
तूफानों-भूचालों की भयप्रद छाया में,
मैं ही एक अकेला हूँ जो गा सकता हूँ।
मेरे ‘मैं’ की संज्ञा भी इतनी व्यापक है,
इसमें मुझ-से अगणित प्राणी आ जाते हैं।
मुझको अपने पर अदम्य विश्वास रहा है।
मैं खंडहर को फिर से महल बना सकता हूँ।
जब-जब भी मैंने खंडहर आबाद किए हैं,
प्रलय-मेघ भूचाल देख मुझको शरमाए।
मैं मजदूर मुझे देवों की बस्ती से क्या
अगणित बार धरा पर मैंने स्वर्ग बनाए।