प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विषेस्थाओ के आधार पर उसके प्रति रूढ अर्थ 'मुर्ख' का प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है ?
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Answer:
आमतौर पर हम गधे के लिए मूर्ख शब्द का प्रयोग करते हैं । परन्तु प्रेमचंद के अनुसार गधे में सदाचार तथा साधु संतों के गुण हैं । क्योंकि जानवर हो या मनुष्य क्रोध सभी को आता है , अन्याय के प्रति आक्रोश प्राय : सभी में होता है । परन्तु एक मात्र गधा ही ऐसा प्राणी है जो सब अत्याचार चुपचाप सहन कर लेता है । हमने कभी उसे खुश होते नहीं देखा , उसके चेहरे पर एक स्थायी विषाद हमेशा छाया रहता है , कभी अन्याय के प्रति असंतोष नहीं देखा । इन सभी गुणों के बावजूद उसे बेवकूफ कहा जाता है । यह सदगुणों का अनादर ही तो है अर्थात् सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है ।
Explanation:
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Answer:
प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की संहिष्णुता, सीधेपन, शांत स्वभाव, संतोष भाव के आधार पर गधे को मूर्ख कहने के बजाये उसके शांत स्वभाव के वजह से लेखक ने उसे ऋषियो - मुनियों का दरजा दिया हैं।