प्रस्तुत कहानी देश में फैले ऊंच नीच के भेदभाव तथा अंधविश्वासों को बेनकाब करते हैं। दुख का अनुभव सबको एक समान होता है। किंतु यह दुख को मनाने का अधिकार तथा आकाश भी गरीबों को नहीं है। खरबूजे बेचती हुई एक अधेड़ अधेड़ औरत रो रही थी। पड़ोस की दुकानों पर बैठे लोग ताने मार रहे थे की वह अपने बेटे की मौत के अगले दिन ही बाजार में आ बैठी हैं। लेखक को पूछने पर पता चला कि बुढ़िया का 23 साल का बेटा सब्जियां उगा कर बेचता था। परसों सवेरे सांप के काटने पर वह मर गया।
1 प्रस्तुत कहानी के द्वारा लेखक हमें क्या संदेश दिया
अमीर गरीब का भेदभाव ना होना
अलग भावना से रहना
मिल जुल कर रहना
इनमें से कोई नहीं
2 किस विषय का बेनकाब करते है
अंधविश्वास का
विश्वास का
सदुपयोग का
इनमें से कोई नहीं
3 अधेड़ उम्र की औरत क्या बेच रही थी
सरकारिया
फल फूल
पत्तियां
खरबूजे
4 बूढ़ी अम्मा की बेटे क्यों मर गया
बिच्छू मारने के कारण
सांप डसने के कारण
यूं ही मर गया
इनमें से कोई नहीं
5 बूढ़ी अम्मा क्यों रो रही हैं
खरबूजे ना बिकने के कारण
बच्चे होने के कारण
अपने बेटे मारने के कारण
इनमें से कोई नहीं
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Answer:
1=अमीर गरीब का भेदभाव ना होना
2=अंधविश्वास का
3=खरबूजे
4=सांप डसने के कारण
5=अपने बेटे मारने के कारण
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