प्रस्तुत पंक्तियों में प्रयुक्त रस व उसका स्थायी भाव लिखिए।
“अधीरता देख जगत की आप, शून्य भरता समीर निःश्वास
डालता पातों पर चुपचाप, ओस के आँसू नीलाकाश।"
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i dont know this question
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