प्रस्तुत पद्यांश की अंतिम दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए
विजय केवल लोहे के नहीं धर्म की रही द्वारा प्रभु यीशु होकर रहते सम्राट दया दिखाते खिलाते तरजूम गोरी को दिया दया का दान चीन को मिलने को मिलने को मिली धर्म के उसकी मिला था स्वर्णाभूमि के रत्न अश्लील कीजिए अंकल को भी किसी के काम में जीना नहीं प्रकृति पर माला यही हमारी जन्मभूमि थी यहीं से हम आए थे नहीं
Answers
Answered by
0
Answer:
प्रस्तुत पदयांश की अंतिम दो पंक्तियों का सरल भावार्थ 25 से
30 शब्दों में लिखिए।
विभाग 3 पूरक पठन: 08 अंक2 ) निम्नलिखित शब्दों के वचन पहचानकर लिखिए।
(01)
1) घर
स्वमत अभिव्यक्ति :- (भावार्थ लिखिए)
2) ऋतुएँ -प्र. 2) 1) आकलन कृति :
1) उचित जोड़ियाँ मिलाकर लिखिए।
अ
1) अन्यायी
2) पद्मदल
आ
ताल
काल
नृपक्लिप पिन करण्यासाठी, जोडण्यासाठी किंवा हटवण्यासाठी संपादन आयकन वापरा.क्लिपला पिन करण्यासाठी तिला स्पर्श करा आणि धरून ठेवा. अनपिन केलेल्या क्लिप एका तासानंतर हटवल्या जातील.
Similar questions