Hindi, asked by sunnytripathi5006, 6 months ago

प्रस्तुत दोहों का अर्थ बताइए ?

निंदक नियरे राखिए , आंगन कुटी छवाय |
बिन पानी साबुन बिना , निर्मल करे सुभाय ||​

Answers

Answered by amitabhnagar500
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यह दोहा कबीर जी का है। जो उनकी साखी से ली गई है। कबीर जी कहते हैं कि निंदा करने वाले लोगों को अपने पास में ही रखिए। कुटिया बनाकर उन्हें रखें। जो कि आपकी दोष को बताकर ज्ञात करा देता है और आप अपने को संभाल लेते हैं।

अपनी गलतियों को सुधार लेते हैं।

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