Hindi, asked by vanyaahuja1810, 7 months ago

प्रस्ताव लेखन : आज के युग में इन्टरनेट की आवश्यकता दर्ााते हुए इसके गुण - दोष पर एक प्रस्ताव ​

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Answered by sid240599
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Answer:

इण्टरनेट की कार्यविधि–

सारे संसार में स्थित टेलीफोन प्रणाली अथवा उपग्रह संचार–व्यवस्था की सहायता से एक–दूसरे से जुड़े कम्प्यूटरों का नेटवर्क ही इण्टरनेट है। इस नेटवर्क से अपने कम्प्यूटर को सम्बद्ध करके कोई भी व्यक्ति नेटवर्क से जुड़े अन्य कम्प्य में संग्रह की गई जानकारी से परिचित हो सकता है। इस उपलब्ध सामग्री को संक्षेप में w.w.w. (वर्ल्ड वाइड वेव) कहा जाता है।

इण्टरनेट से जुड़ने वाले व्यक्ति, विभाग या संस्थान अपनी–अपनी वेबसाइट स्थापित करते हैं। वेबसाइट में व्यक्ति, संस्थान या विषय से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध रहती है। नेट से जुड़े कम्प्यूटर में निहित सामग्री को ‘होम पेज’ कहा जाता है।

वेबसाइट पर उपस्थित सामग्री को सम्बद्ध व्यक्ति अपने कम्प्यूटर पर डाउनलोड कर सकता इण्टरनेट का प्रसार–दूर–संचार के माध्यम से विश्व को छोटा कर देने में इण्टरनेट का योगदान चमत्कारी है। बहु उपयोगी होने के कारण जीवन के हर क्षेत्र के लोग इससे जुड़ रहे हैं।

शिक्षा–संस्थान, औद्योगिक–प्रतिष्ठान, प्रशासनिक–विभाग, मीडिया, मनोरंजन–संस्थाएँ, संग्रहालय, पुस्तकालय सभी धीरे–धीरे इण्टरनेट पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि इण्टरनेट से जुड़े व्यक्तियों एवं संस्थाओं की संख्या करोड़ों तक पहुँच चुकी है।

इण्टरनेट की लोकप्रियता–

इण्टरनेट की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इण्टरनेट कनेक्शनधारक व्यक्ति किसी भी समय, किसी भी विषय पर तत्काल इच्छित जानकारी प्राप्त कर सकता है। इण्टरनेट ज्ञान के असीम भण्डार तक पहुँचने का सहज स्रोत है।

टेली–कान्फ्रेंसिंग (दूर–विमर्श) द्वारा वैज्ञानिक परस्पर विचार–विमर्श कर सकते हैं, चिकित्सक रोगियों से सम्पर्क करके उचित परामर्श दे सकते हैं। ई–मेल, टेली–बैंकिंग, हवाई और रेल–यात्रा के लिए अग्रिम टिकिट–खरीद, विभिन्न बिलों का भुगतान, ई–मार्केटिंग इत्यादि नई–नई सुविधाएँ इण्टरनेट द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस प्रकार दिन–प्रतिदिन इण्टरनेट हमारे नित्य–जीवन का अत्यन्त उपयोगी अंग बनता जा रहा है।

इण्टरनेट का दुरुपयोग–

इण्टरनेट ने जहाँ मानव की सुख–सुविधा, ज्ञान–पिपासा तथा मनोरंजन के साधन–सुलभ बनाये हैं, वहीं इसके दुरुपयोग के प्रसंग भी सामने आ रहे हैं। अब नगरों और कस्बों में स्थान–स्थान पर ‘इण्टरनेट ढाबे’ (साइबर कैफे) खुल चुके हैं। जहाँ युवा–वर्ग ज्ञानवर्धन के लिए कम बल्कि अश्लील मनोरंजन के लिए अधिक जुटा रहता है।

किसी देश की महत्वपूर्ण वेबसाइट के कोड का विच्छेदन करके, उसकी गोपनीय सूचनाओं को हस्तगत करने में अथवा विरोधी देश की वेबसाइट में अपसूचनाएँ और दुष्प्रचार सम्बन्धी सामग्री का प्रवेश करके, इण्टरनेट का दुरुपयोग किये जाने के अनेक मामले सामने आ रहे हैं।

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