प्रस्तावना of premchand
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प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाते हैं। उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ 1901 से हो चुका था, लेकिन उनकी पहली हिन्दी कहानी सरस्वती पत्रिका के दिसंबर अंक में 1915 में सौत नाम से प्रकाशित हुई और 1936 में अंतिम कहानी कफन नाम से। इससे पहले हिंदी में काल्पनिक, एय्यारी और पौराणिक धार्मिक रचनाएं ही की जाती थी।
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