Hindi, asked by dhurwenisantgmailcom, 25 days ago

प्रसाद गुण की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए​

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Answered by shishir303
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प्रसाद गुण :  जिस काव्य को सुनकर या पढ़कर हृदय प्रभावित हो, बुद्धि में निर्मलता आये, मन में पवित्रता का एहसास हो, वो काव्य ‘प्रसाद गुण’ से परिपूर्ण होता है।

उदाहरण...

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी। जाकी अंग-अंग बास समानी॥

प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा। जैसे चितवत चंद चकोरा॥

प्रभु जी तुम दीपक हम बाती। जाकी जोति बरै दिन राती॥

यहाँ पर प्रभु के प्रति भक्ति भाव प्रकट किया जा रहा है, जिससे हृदय प्रफुल्लित होता है, इसलिये इन पंक्तियों मे प्रसाद गुण प्रकट हो रहा है।

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