प्रश्न.1. अपठित काव्यांश को पढ़ कर निम्न प्रश्नो के उत्तर लिखिये -
तेरी पाँखों में नूतन बल,
कंठों में उबला गीत तरल,
तू कैसे हाय, हुआ बंदी, वन-वन के कोमल कलाकार।
क्या भूल गया वह हरियाली!
अरुणोदय की कोमल लाली?
मनमाना फुर-फुर उड़ जाना, नीले अंबर के आर-पार!
क्या भूल गया बंदी हो के
सुकुमार समीरण के झोंके
जिनसे होकर तू पुलकाकुल बरसा देता था स्वर हज़ार?
रे, स्वर्ण-सदन में बंदी बन
यह दूध-भात का मृदु भोजन
तुझको कैसे भा जाता है, तज कर कुंजों का फलाहार!
तू मुक्त अभी हो सकता है,
अरुणोदय में खो सकता है,
झटका देकर के तोड़ उसे, पिंजरे को कर यदि तार-तार!
पंछी! पिंजरे के तोड़ द्वार।
क ) कवि को किस बात का दुख है ?
ख ) कवि पंछी को क्या-क्या याद दिला रहा है ?
ग ) कवि पंछी को किस बात की उम्मीद दिलाकर आगे बढ़ने को कह रहा है ?
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kavi ko dukh hai k wo sari baatien bhool gaya
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