प्रश्न 1 छात्रावास में रहने वाली अपनी छोटी बहन को फैशन की ओर अधिक रुझान न रख राम ध्यानपूर्वक पढ़ाई करने की सीख देते हुए पत्र लिखो ।
Answers
Answer:
ndi Grammar
Patra-lekhan(Letter-writing)-(पत्र-लेखन)
सलाह सम्बन्धी पत्र
सलाह सम्बन्धीपत्रों से तात्पर्य ऐसे पत्रों से हैं, जिनमें किसी व्यक्ति को किसी विषय पर उचित सलाह दी जाती हो ऐसे पत्रों के माध्यम से कई बार व्यक्ति स्वयं भी सलाह लेने की इच्छा प्रकट करता हैं।
संक्षेप में कहा जा सकता हैं कि सलाह लेने अथवा सलाह देने के लिए इन पत्रों का प्रयोग होता हैं।
सलाह सम्बन्धी कुछ पत्र इस प्रकार हैं-
(1) अपनी छोटी बहन को समय का सदुपयोग करने की सलाह देते हुए पत्र लिखिए।
18, जीवन नगर,
गाजियाबाद।
दिनांक 19 मार्च, 20XX
प्रिय कुसुमलता,
शुभाशीष।
आशा करता हूँ कि तुम सकुशल होगी। छात्रावास में तुम्हारा मन लग गया होगा और तुम्हारी दिनचर्या भी नियमित चल रही होगी।
प्रिय कुसुम, तुम अत्यन्त सौभाग्यशाली लड़की हो जो तुम्हें बाहर रहकर अपना जीवन संवारने का अवसर प्राप्त हुआ हैं, परन्तु वहाँ छात्रावास में इस आजादी का तुम दुरुपयोग मत करना।
बड़ा भाई होने के नाते मैं तुमसे यह कहना चाहता हूँ कि तुम समय का भरपूर सदुपयोग करना। तुम वहाँ पढ़ाई के लिए गई हो। इसलिए ऐसी दिनचर्या बनाना जिसमें पढ़ाई को सबसे अधिक महत्त्व मिले।
यह सुनहरा अवसर जीवन में फिर वापस नहीं आएगा। इसलिए समय का एक-एक पल अध्ययन में लगाना। मनोरंजन एवं व्यर्थ की बातों में ज्यादा समय व्यतीत न करना। अपनी रचनात्मक रुचियों का विस्तार करना। खेल-कूद को भी पढ़ाई जितना ही महत्त्व देना। आशा करता हूँ तुम मेरी बातों को समझकर अपने समय का उचित प्रकार सदुपयोग करोगी तथा अपनी दिनचर्या का उचित प्रकार पालन करके परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करोगी।
शुभकामनाओं सहित।
तुम्हारा भाई,
कैलाश
Plz follow me...
Answer:
सी-1,
आदर्श नगर, दिल्ली।
दिनाँक - 11-7-2022
प्रिय बहन हेमा,
तुम्हारा पत्र मिला पढ़कर बहुत निराशा हुई कि तुम्हे इस परीक्षा में केवल 60 अंक मिले है। माँ बता रही थी कि तुम्हारा ध्यान फैशन में बहुत ज्यादा लगा रहता है। मैं फैशन के खिलाफ नहीं परंतु अगर वह आपकी पढ़ाई और भविष्य के बीच में आए तो, अवश्य हूँ। अपनी दिनचर्या नियमित करो और हर क्षण अपने लक्ष्य पर दृष्टि रखो। तुम्हें ज्ञात होगा कि जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं, उन्होंने अपने जीवन के एक क्षण को भी व्यर्थ नहीं जाने दिया। यदि तुम एकाग्र मन से नहीं पढ़ोगी, तो परीक्षा में असफल होने के कारण तुम्हारा भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा। अपना ध्यान पढ़ाई में लगाओ। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम पढ़ाई का महत्त्व समझोगी। माता जी और पिता जी को मेरा नमस्ते कहना।
तुम्हारी बहन,
सीमा।
#SPJ2