प्रश्न 1. फ्रांस में क्रान्ति की शुरूआत किन परिस्थितियों
में हुई ?
न इतिहास
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Answer:
1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रांति को आगे बढ़ाया। क्रांति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रांति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एव्ं उदार प्रजातन्त्र बने।
Answer:
14 जुलाई, 1789 की सुबह पेरिस नगर के पूर्वी भाग में बस्तील किले की जेल को तोड़कर फ़्रांसीसी क्रांति की शुरुवात हुई|
इस क्रांति के कारण निम्नलिखित थे :-
( 1) राजा लुई सोलहवां :- 1774में बुर्बों राजवंश का शासक लुई सोलहवां फ़्रांस की राजगद्दी पर बैठा| उसके राज्यारोहण के समय राजकोष खाली था| लम्बे युद्ध , राज दरबार के शानोशौकत , रानी के भोग विलास की प्रवृति से स्थिति और ख़राब हो गयी \| राजा का अपने अधिकारीयों पर भी कोई नियंत्रण नहीं था|
(2) सामाजिक असमानता :- फ़्रांस का समाज तीन एस्टेट में बंटा हुआ था - पादरी वर्ग, कुलीन वर्ग एवम् साधारण सर्वहारा वर्ग. पादरी वर्ग और कुलीन वर्ग को अनेक विशेषाधिकार प्राप्त थे . 60 प्रतिशत से अधिक कृषि योग्य भूमि इन 10 प्रतिशत लोगों के पास थी| 90 प्रतिशत जनसंख्या वाले सर्वहारा वर्ग को कोई राजनीतिक एवम् सामाजिक अधिकार प्राप्त नहीं था |अतः क्रांति अवश्यंभावी थी|
(३) आर्थिक कारण :- फ़्रांस द्वारा अनेक युद्धों में भाग लेने के कारण देश की आर्थिक व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गयी थी. कर का बोझ केवल तीसरे एस्टेट के लोगों को थी|
(4) तात्कालिक कारण :- सम्राट ने 5 मई 1789 को नए करों के प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए प्रतिनिधि सभा की एक बैठक बुलाई | प्रतिनिधि सभा के नियमों के अनुसार प्रत्येक वर्ग को एक मत देने के अधिकार था , परन्तु तीसरे वर्ग के प्रतिनिधियों ने मांग रखी कि अब की बार पूरी सभा द्वारा मतदान कराया जाना चाहिए| प्रस्ताव को सम्राट ने अस्वीकार कर दिया | वे सभा से बाहर निकल गए और अपने आपको नेशनल असेंबली घोषित कर दिए और शपथ ली कि सम्राट की सम्राट की शक्तियों पर निरंकुश लगायेंगे और असमानता ख़त्म करेंगे .
इस प्रकार फ़्रांस में क्रांति की शुरुवात हो गयी |