Social Sciences, asked by dipak9872, 11 months ago

प्रश्न 1.
ग्राम पंचायत का गठन किस प्रकार होता है ? उसके द्वारा सम्पादित कार्यों का वर्णन कीजिए।
अथवा
राजस्थान में ग्राम पंचायत की संरचना एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।

Answers

Answered by robin2438
2

Explanation:

uska answer mujhe nahin Maloom isliye main points Leke Jayega Abhi

Answered by shishir303
3

ग्राम पंचायत का गठन एवं उसके कार्यों के विषय में विवरण इस प्रकार है।

ग्राम पंचायत ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय स्वशासन की सबसे छोटी इकाई होती है। इसका गठन पंचायती राज अधिनियम 1994 के अंतर्गत किया जाता है। इसका गठन निम्न प्रकार से होता है।

  1. ग्राम पंचायत क्षेत्र — गांव या गांव के समूहों से पंचायती क्षेत्र का निर्धारण तय किया जाता है और राज्य सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना जारी की जाती है।
  2. वार्ड संख्या — हर ग्राम पंचायत को वार्डों में विभाजित किया जाता है। तीन हजार तक की जनसंख्या वाले क्षेत्र में नौ वार्ड होते हैं। इससे अधिक जनसंख्या वाले पंचायतों में हर एक हजार पर अतिरिक्त वार्ड गठित किए जाते हैं।
  3. पंच-सरपंच तथा उप सरपंच — पंच-सरपंच तथा उप सरपंच का निर्वाचन पंचायत क्षेत्र के  मतदाताओं द्वारा मतदान प्रक्रिया के तहत किया जाता है। पंचों का चुनाव संबंधित वार्ड के मतदाता प्रत्यक्ष रूप से करते हैं। उपसरपंच पंचों द्वारा चुना जाता है। पंचायती चुनाव निर्वाचन आयुक्त की देखरेख में संपन्न कराए जाते हैं।
  4. आरक्षण की व्यवस्था — प्रत्येक ग्राम पंचायत में जनसंख्या के अनुपात के अनुसार विशेषवर्ग को जैसे कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग तथा महिलाओं आदि के लिए आरक्षित सीटों की व्यवस्था की गई है।
  5. अविश्वास प्रस्ताव का प्रावधान — सरपंच व उपसरपंच को तीन चौथाई बहुमत से निर्वाचित सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटा सकते हैं। लेकिन चुनाव होने के 2 वर्ष तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता।
  6. बैठकें — ग्रामपंचायत अपने कार्यों के संपादन के लिए अपनी आवश्यकतानुसार कितनी भी बैठकें कर सकती हैं। हर 15 दिन में कम से कम एक बार ग्राम पंचायत द्वारा बैठक बुलाया जाना आवश्यक होता है और उस बैठक में कम से कम एक तिहाई सदस्य शामिल होने चाहिए। बैठकों की अध्यक्षता सरपंच करता है और उसकी अनुपस्थिति में उप सरपंच करता है।

ग्राम पंचायत के कार्य

  • ग्राम पंचायत अपने पंचायती क्षेत्र के लिए के विकास के लिए वार्षिक योजना बनाती है, विकास कार्यों का वार्षिक बजट तैयार करती है, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सहायता का प्रबंध करती है, लोक संपत्तियों की रक्षा करती है तथा गांव की आवश्यक सांख्यिकी तैयार करती है।
  • ग्राम पंचायत अनेक प्रशासनिक कार्य भी करती है जैसे परिसरों का सीमांकन करना, जनगणना करना, कृषि उपज बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्यक्रम बनाना, ग्रामीण विकास योजना को लागू करना और उसके लिए वित्त की व्यवस्था करना, केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्राप्त सहायता का उचित उपयोग करना आदि।
  • ग्राम पंचायत पशु गृहों, खलिहानों, चारागाहों पर नियंत्रण रखती है।
  • अपने क्षेत्र के बेरोजगारों की सूची बनाती है।
  • जन्म मृत्यु एवं विवाह पंजीयन का विवरण अभिलेख तैयार करती है।

ग्राम पंचायत के अन्य कार्यों में

  • कृषि विकास करना।
  • बागवानी का विकास करना।
  • पशु पालन उद्योग, डेयरी उद्योग, कुक्कुट पालन उद्योग एवं मत्स्य पालन उद्योग का विकास करना।
  • लघु सिंचाई संबंधी कार्य को देखना।
  • खादी व ग्रामीण कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देना।
  • ग्रामीण आवास प्रक्रिया को विकसित करना।
  • पेयजल का प्रबंध करना।
  • सड़कों का निर्माम व ग्रामीण क्षेत्र में विद्युतीकरण की देखरेख करना।
  • निर्धनता उन्मूलन कार्य चलाना।
  • शिक्षा के संबंध में उचित कदम उठाना, बालिकाओं की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित कार्य करना प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम चलाना।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
  • गांव आदि में स्वच्छता और परिवार परिवार कल्याण आदि कार्यक्रमों को संपादित करना।
  • महिला एवं बाल विकास संबंधी कार्यों को देखना।
  • कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए उचित कल्याणकारी कार्यों योजनाओं को लागू करना आदि हैं।
Similar questions