प्रश्न 1. 'हम पंछी उन्मुक्त गगन के' पाठ के पहले पृष्ठ (Page) को ध्यानपूर्वक देखें। इस पृष्ठ
पर जो चित्र बने हुए हैं उन्हें देखकर आपके मन में जो भाव पनपता है उसे लिखकर
अपने अनुभवों को साझा कीजिए।
Answers
यह प्रश्न हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता से लिया गया है| यह कविता श्री शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा लिया गया है|
इस पृष्ठ पर जो चित्र को देखकर मेरे मन में यह भाव पनपता है, मेरा अनुभव इस प्रकार है:
पाठ में चित्र को देखकर लग रहा है कि सभी पक्षी बहुत खुश है| वह आपस में बाते कर रहे है| पक्षियों के चेहरे को देखकर वह खुले आसमान में उड़ कर बहुत खुश है| वह अपनी आजादी से बहुत खुश है| बहुत से पक्षी उड़ रहे है| पक्षी अपने परिवार के साथ खुश है| वह इसी प्रकार की आज़ादी चाहते है| वह खुले आसमान में रहना चाहते है| वह बंद पिंजरे में नहीं रहना चाहते है| हमें पक्षियों को कैद नहीं करना चाहिए उन्हें उनके हिसाब से जीने देना चाहिए|
पक्षियों को कभी भी अपने शौक के लिए हमें नहीं पालना चाहिए| उन्हें भी हम मनुष्य की तरह आज़ादी से जीने का हक है| हमें उन्हें आज़ाद ही रहने देना चाहिए|
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