प्रश्न 1 किसके स्नेह की धारा कारागृह तक पसरी हुई हैं?
उत्तर 1 यह कविता जेल प्रवास के दौरान लिखी गई। एक रात लगातार बारिश हो रही थी तो कवि को घर की याद आती है तो वह अपनी पीड़ा व्यक्त करता है। इस काव्यांश में पिता व माँ के बारे में बताया गया है। ... माँ का स्नेह इतना व्यापक है कि जेल में भी कवि उसको अनुभव कर रहा है।
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किसके स्नेह की धारा कारागृह तक पसरी हुई हैं?
कवि की माँ के स्नेह की धारा कारागृह तक पसरी हुई है।
‘घर की याद’ कविता में कवि कहता है कि..
माँ की जिसकी स्नेह धारा,
का यहाँ तक भी पसारा,
उसे लिखना नहीं आता,
जो कि उसका पत्र पाता।
अर्थात कवि अपनी मां के बारे में कहता है कि उसकी माँ अनपढ़ है, इस कारण उसे पत्र नही लिख सकती है। लेकिन अपनी माँ की गोद में यदि वह अपना सर रख ले तो उसके सारे दुख दर्द मिट जाते हैं। माँ की उस ममतामयी स्नेह की धारा का ताप वह यहां कारागृह तक महसूस कर रहा है। माँ की ममता को याद करते ही उसे अपने सारे दुखों का अंत दिखाई प्रतीत होता है। माँ का स्नेह इतना व्यापक और शक्तिशाली है कि उसे जेल में भी उस ममतामयी स्नेह का ताप महसूस हो रहा है।
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