प्रश्न 1-"कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक
वापस कर देती है। साना-साना हाथ जोड़ी' पाठ के इस
कथन में निहित जीवन मूल्यों को स्पष्ट कीजिए।
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Answer:
लेखिका ने यह बात उन स्त्रियों को देखकर कही है जो पहाड़ों के भारी-भरकम पत्थरों को तोड़कर रास्ता बनाने का श्रमसाध्य कार्य करने में लगी रहती हैं। उन्हें बहुत कम पैसा मिलता है, पर वे देश-समाज को बहुत अधिक लौटा देती हैं। देश की आम जनता भी देश की प्रगति में भरपूर योगदान करती हैं और उसे उतना नहीं मिल पाता जितने की वह हकदार होती है। देश के श्रमिक एवं किसान देश की प्रगति के लिए अनेक प्रकार के कार्यों के द्वारा अपना सहयोग देते हैं। यदि वे कार्य न करें तो देश प्रगति की राह पर आगे नहीं बढ़ सकता। उसके अलावा अन्य लोगों की भी बहुत बड़ी भूमिका है। देश की प्रगति में प्रत्येक नागरिक की भी अहम भूमिका हैं । वह अपने वेतन व सुख-सुविधाओं की परवाह किए बिना देश की प्रगति के लिए अपना सहयोग देते हैं।देश के किसान भी धूप, सर्दी की परवाह किए बिना सबके लिए अन्न उगा कर सहयोग करते हैं। देश का फौजी व वैज्ञानिक भी कम वेतन पर पूूर्ण निष्ठा से सेवा कर प्रगति के नये रास्ते खोलता है।
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किसी देश की आमजनता देश की आर्थिक प्रगति में बहुत अधिक अप्रत्यक्ष योगदान देती है। आम जनता के इस वर्ग में मज़दूर ड्राइवर, बोझ उठाने वाले, फेरीवाले, कृषि कार्यों से जुड़े लोग आते हैं। अपनी यूमथांग की यात्रा में लेखिका ने देखा कि पहाड़ी मजदूर औरतें पत्थर तोड़कर पर्यटकों के आवागमन के लिए रास्ते बना रही हैं। इससे यहाँ पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी जिसका सीधा-सा असर देश की प्रगति पर पड़ेगा। इसी प्रकार कृषि कार्यों में शामिल मजदूर, किसान फ़सल उगाकर राष्ट्र की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं।