प्रश्न 1. कविता में किस ऋतु का वर्णन है और वह क्या कारण है कि उससे आँख नहीं हट रही है ? 2 पत्तों से लदी डाल कहीं हरी , कहीं लाल ' का अर्थ स्पष्ट कीजिए । 3. “ कहीं पड़ी है उर में , मन्द - गंध - पुष्प - माल " में निहित सौन्दर्य को स्पष्टतः व्यक्त कीजिए । please bata de.....❤❤
Answers
An
१..इस कविता में कवि ने वसंत ऋतु की सुंदरता का बखान किया है। वसंत ऋतु का आगमन हिंदी के फगुन महीने में होता है। ऐसे में फागुन की आभा इतनी अधिक है कि वह कहीं समा नहीं पा रही है।इसलिए उससे आंखे नहीं हट ती।
२.. कवि के अनुसार फागुन मास में प्रकृति इतनी सुन्दर नजर आती है कि उस पर से नजर हटाने को मन ही नहीं करता। चारों तरफ पेड़ों पर हरे एवं लाल पत्ते दिखाई दे रहे हैं और उनके बीच रंग-बिरंगे फूल ऐसे लग रहे हैं, मानो पेड़ों ने कोई सुंदर, रंगबिरंगी माला पहन रखी हो।
३...इस सुगन्धित पुष्प माला की ख़ुशबू कवि को बहुत ही मादक लग रही है। कवि के अनुसार, फागुन के महीने में यहाँ प्रकृति में होने वाले बदलावों से सभी प्राणी बेहद ख़ुश हो जाते हैं। कविता में कवि स्वयं भी बहुत ही खुश लग रहे हैं।
sunn phele wala wrong ho gya tha yrr ye likh de or tereko or kuch add krna hoto kr le