Hindi, asked by tanishasahani0, 3 months ago

प्रश्न 1. नीचे 2 गद्यांश दिए गए हैं। किसी 1 गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के
उत्तर दीजिए
गद्यांश -1
5X135
किसी भी देश या समाज की उन्नति का आधार-स्तंभ वहाँ के निवासियों की सच्चरित्रता, परिश्रमशीलता
तथा उनके नैतिक मूल्य होते हैं । हमारे देश ने ही विश्व को मानवता, नैतिकता और सदाचार का पाठ
पढ़ाया था । पर आज पूरे देश में चारों ओर स्वार्थ, लाभ और बेईमानी का बोलबाला है । इसी कारण
आज भ्रष्टाचार रूपी रोग सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक क्षेत्रों में एक असाध्य रोग की भाँति अपनी जड़ें
जमा चुका है । मर्यादा से हटकर स्वार्थपूर्ण दूषित आचरण ही भ्रष्टाचार कहलाता है । स्वार्थ लिप्सा
भ्रष्टाचार की जननी है और भौतिक ऐश्वर्य इसका जनक है । आज देश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है ।
भुक्त-भोगियों का कहना है कि कोई भी विभाग इससे अछूता नहीं रहा है । भाई-भतीजावाद, मिलावट,
अनुचित ढंग से मुनाफाखोरी करना, चोरवाजारी, सरकारी साधनों का अनुचित प्रयोग भ्रष्टाचार के प्रमुख
लक्षण है। इसके कारण आज हमारे समाज का पतन होता जा रहा है। इसकी जड़ें हमारे देश को खोखला
करती जा रही है | कठोर कानूनी नियंत्रण एवं सच्चरित्रता के प्रतिबद्धता द्वारा ही इस समस्या का
समाधान किया जा सकता है।
समाधान किया जा सकता है।
1)किसी भी देश या समाज की उन्नति का आधार क्या होता है?
। वहाँ के निवासियों का दृढ़ चरित्र
III. वहाँ के निवासियों के नैतिक मूल्य
IV.ये समी
2)यह भ्रष्टाचार कहलाता है-

1. निस्वार्थ के कारण मर्यादित और शुद्ध आचरण करना
1. स्वार्थ के कराण अमर्यादित और दृषित आचरण करना
III. निस्वार्थ के कारण अमर्यादित और दृपित आचरण करना
IV. स्वार्थ के कारण मर्यादित और शुद्ध आचरण करना
3)भ्रष्टाचार-समस्या का समाधान कैसे हो सकता है?

1. कठोर कानूनी नियंत्रण और सच्चरित्र व्यवहार से
II. कठोर अनुशासन और परिश्रमशीलता से
III. कठोर कानूनी नियंत्रण और बेईमानी से
IV. कठोर अनुशासन और बेईमानी से
(4) भ्रष्टाचार के माता-पिता कौन हैं?
1. माता है- निस्वार्थ भाव और पिता है- भौतिक ऐश्वर्य
II. माता है- सदाचार और पिता है- दुराचार
III. माता है- स्वार्थ-लिप्सा और पिता है- भौतिक ऐश्वर्य
IV. इनमें से कोई नहीं
(5) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक होगा-
॥. भ्रष्टाचार : उन्नति का आधार स्तंभ
I. भ्रष्टाचार : एक रोग
III. भ्रष्टाचार : एक प्रमुख अंग
IV भ्रष्टाचार : समस्या और समाधान​

Answers

Answered by LaxmikantaPanigarahi
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Answer:

jxc-ttnt-ore

KOE TO AA JAO JALDI SE

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