प्रश्न 1---निम्लिखित गद्यांश को ध्या पूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए--(5m)
मुष्य अप े भाग्य का निर्माता है। यदिर्दे वह पुरुषार्थी है धैर्यवा है,साहसी है और अप े
लक्ष्य की प्रा प्ति केलिए म ,कर्म और वच से एकजुट होकर कदिE परिश्रम करता है, तो
सफलता स्वयं ही उसके क र्देम चूमती है।कर्मE मुष्य सर्देैव कार्यरत रहता है ।परिश्रम करे
पर भी य दिर्दे सफलता हीं मिलती तो वह धैर्यहीं छोड़ता, समस्या से जूझता है ,संघर्ष
करता है ;फिर का र्यकरता है ।आलसी लोग ही सफलता को भाग्य का ाम र्देेते हैं।
अकर्मण्यता म ुष्य को कु छ हीं र्देेती। पुरुषार्थतो करा ही पड़ेगा अप े गंतव्य केलिए
माव को निरंतर प्रयत् रत रहा चाहिए।
*मुष्य का भाग्य कौ बा सकता है?
*कौ सा मुष्य सफलता प्राप्त करता है?
*कौ सा मुष्य सर्देैव कार्यरत रहता है?
*हमें धै र्यकब हीं छोड़ा चाहिए?
*अप े गंतव्य केलिए माव को क्या करा चाहिए?
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The marks obtained (out of 10) by 80 students in a class test are given below: Read the data
and answer the following questions: (Any 4)
2,3,4,5,6,8,5,3,4,7,8,5.
(i) What is the range of the above data?
a) 8 b) 7 c) 8 d) 6
(ii) What is the mean of the above data?
a) 8 b) 4 c )5 d) 6
(iii) What is the median of the
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