प्रश्न -1 निम्नलिखित गद्यांश को पढकर प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
(2) वर्तमान सांप्रदायिक संकीर्णता के विषम वातावरण में संत-साहित्य की उपादेयता बहुत है। संतों में शिरोमणि कबीर दास भारतीय धर्मनिरपेक्षता के आधार पुरुष हैं। संत कबीर एक सफल साधक प्रभावशाली उपदेशक, महा नेता और युग-द्रष्टा थे। उनका समस्त काव्य विचारों की भव्यता और हृदय की तन्मयता तथा औदार्य से परिपूर्ण है। उन्होंने कविता के सहारे अपने विचारों को और भारतीय धर्म निरपेक्षता के आधार को युग-युगान्तर के लिए अमरता प्रदान की। कबीर ने धर्म को मानव धर्म के रूप में देखा था। सत्य के समर्थक कबीर हृदय में विचार-सागर और वाणी में अभूतपूर्व शक्ति लेकर अवतरित हुए थे। उन्होंने लोक- कल्याण कामना से प्रेरित होकर स्वानुभूति के सहारे काव्य- रचना की। वे पाठशाला या मकतब की देहरी से दूर जीवन के विद्यालय में 'मसि कागद छुयो नहिं की दशा में जीकर सत्य, ईश्वर विश्वास, प्रेम, अहिंसा, धर्म-निरपेक्षता और सहानुभूति का पाठ पढ़ाकर अनुभूति मूलक ज्ञान का प्रसार कर रहे थे।
1- वर्तमान संकीर्ण सांप्रदायिक वातावरण में किसकी आवश्यकता है -
वैचारिक मतभेद की
संत साहित्य की
मनन और चिंतन की
उपरोक्त सभी
2- किस संत कवि को भारतीय धर्मनिरपेक्षता का आधार स्तम्भ माना जाता है - *
कबीरदास जी को
रहीमदास जी को
तुलसीदास जी को
सूरदास जी को
3- कबीर का काव्य किस भावना से पूरित है - *
स्वाध्याय की
स्वार्थ की
लोक कल्याण की
निज हित की
4- जीवन - विद्यालय में पढ़कर कबीर ने किसका प्रचार किया - *
धर्म निरपेक्षता
सहानुभूति
विश्वास, प्रेम- अहिंसा
उपरोक्त सभी का
5- 'सांप्रदायिक' शब्द में मूल शब्द व प्रत्यय हैं - *
सांप्रदाय और इक
संप्रदाय और ईक
संप्रदाय और इक
सम और प्रदाय और इक
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5 - संप्रदाय और ईक
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...hiya!
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