प्रश्न 1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
विलासिता की सामग्रियों से बाजार भरा पड़ा है, जो आपको लुभाने की जी-तोड़ कोशिश में निरन्तर लगी रहती
हैं । दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं को ही लीजिए । टूथ-पेस्ट चाहिए ? यह दाँतों को मोती जैसा चमकीला
बनाता है । यह मुंह की दुर्गंध हटाता है । यह मसूड़ों को मजबूत करता है और यह 'पूर्ण सुरक्षा' देता है । वह सब
करके जो तीन चार पेस्ट अलग-अलग करते हैं, किसी पेस्ट का 'मैजिक' फार्मूला है। कोई बबूल या नीम के गुणों
से भरपूर है, कोई ऋषि-मुनियों द्वारा स्वीकृत तथा मान्य वनस्पति और खनिज तत्वों के मिश्रण से बना है । जो चाहे
चुन लीजिए।
प्रश्न 1. आज बाजार में कौन-सी वस्तुओं की भरमार है ?
2. गद्यांश का आशय स्पष्ट कीजिए ।
3. 'ऋषि-मुनियों द्वारा स्वीकृत तथा मान्य' का क्या आशय है ?
4. चतुर निर्माता किस प्रकार जनता की भावनाओं को भुना रहे हैं ?
शता
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1. आज बाजार में विलासिता की सामग्री की वस्तुएं की भरमार है।
2. इस गद्यांश का यह आशय यह है कि आज बाजारों में हजारों तरीके के समान अलग अलग गुणों से भरपूर हैं पर यह हमें तय करना है कि हमारे लिए कौन सी वस्तु सबसे ज्यादा लाभप्रद है।प्रचार करते समय हमें हर वस्तुओं के अलग-अलग गुण दिखाई देते हैं पर क्या सभी सच में गुणों से भरपूर हैं, तो इस अनोखी दुनिया में हमें यह तय करना है कि हमारे लिए कौन सी वस्तु लाभदायक है और यहां हम खुद ही पता लगा सकते हैं।
3. ऋषि-मुनियों द्वारा स्वीकृत सामान्य का आशय यह है की आयुर्वेद के चिकित्सक का यह कहना है कि यह लोगों के लिए लाभप्रद है और यह उनके द्वारा कही है अर्थात मान्य है।
4. चतुर निर्माता अपने - अपने वस्तुओं को अच्छा बता कर हमारे भावनाओं को भुना रहे है।
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