प्रश्न 1- निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
हम लोग यह नहीं सोचते कि मैत्री का उद्देश्य क्या है ? क्या जीवन के व्यवहार में उसका कुछ समय भी नष्ट होगया है। यह ऐसा साधन है, जिसमें आत्मा शिक्षा का मार्ग सुगम हो जाता है। विश्वास पात्र मित्र से बड़ी भारी रक्षा रहती है। जिसे ऐसा मित्र मिल जाए उसे समझना चाहिए कि खजाना मिल गया। विश्वास पात्र मित्र जीवन की एक औषधि है हमें अपने मित्रों से यह आशा रखनी चाहिए कवी उततम संकल्पों से हमें दृढ करेंगे, जब हम हतात्साहित होंगे, तब हमें उत्साहित करेंगें दोष और त्रुटियों से बचाएंगे, हमारे सत्य, पवित्रताऔर मर्यादा के प्रेम को पुष्ट करेंगें, जब हम कुमार्ग पर पैर रखेंगे, तय वे हमें सचेत करेंगे हमें उततमता पूर्वक निर्वाह करने में हर तरह से सहायता करेंगें। सच्ची मित्रता में उततम वैद्य की सी निपुणता और परख होती है। अच्छी से अच्छी माता का - सा धैर्या और कोमलता होती है। एसी ही मित्रता करने का प्रयत्न
प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए।
(क) मैत्री का उद्देश्य क्या है ?
(ख) हमें अपने मित्रों से क्या आशा रखनी चाहिए? (ग) मैत्री के आत्म शिक्षा का कार्य सुगम कैसे हो जाता है ?
(घ) विश्वासपात्र मित्र को खजाना क्यों कहा गया है ?
(ड) सच्ची मित्रता की पहचान क्या है ?
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तिवारी अंश तिवारी
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