प्रश्न 1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(5)
परोपकार का शाब्दिक अर्थ है, पर उपकार अर्थात दूसरों की भलाई वास्तव में परोपकार की भावना एक स्वाभाविक भावना है, जिसकी प्रेरणा हमें प्रकृति से ही प्राप्त होती है। नदी अपना जल स्वयं नहीं पीती, वृक्ष अपना फल स्वयं नहीं खाते, सूर्य अपनी ऊष्मा एवं ऊर्जा अपने लिए नहीं बचाता आदि न जाने कितने उदाहरण हैं, जो हमें दूसरों के लिए जीना सिखाते हैं। किसी भी समाज में मानवीय मूल्यों का होना नितांत आवश्यक है अन्यथा वह समाज अधिक देर तक टिक नहीं सकता। मानवीय मूल्यों को बनाए रखने का सार बिन्दु है 'परोपकार की भावना' । महापुरुषों का जीवन परोपकार के लिए ही होता है। महार्षि दधीचि ने स्वेछा से अपनी अस्थियाँ असुरों के विनाश के लिए दान कर दी। महात्मा गांधी और मदर टेरेसा का सम्पूर्ण जीवन ही परोपकार के लिए व्यतीत बहुआ। ईसा मसीह ने मानव कल्याण की खातिर ही सूली पर चढ़ना स्वीकार किया। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम परोपकार की भावना का अधिक से अधिक प्रसार करें।
1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक क्या है?
क) मानवीय मूल्यों का विकास,
ग) स्वार्थ की भावना,
ख) परोपकार की भावना
घ) ये सभी
Answers
Answered by
7
Answer:
(ख)
is your answer yar
please Mark me as brainlist Yar ☺️
Answered by
2
Answer:
propkar
Explanation:
परोपकार की भावना
Similar questions
World Languages,
2 hours ago
Physics,
4 hours ago
World Languages,
8 months ago
Science,
8 months ago