Hindi, asked by rajindersingh52804, 10 hours ago

प्रश्न 1 निम्नलिखित पदयाश में से किसी एक पदयांश के सरलार्थ लिखें।(5)-:
मर्यादित रहना उसका व्यवहार है सहनशीलता उसका उपहार है। जब निःस्वार्थ सेवा भाव जगातीमो तब परती बन जाती माँ केवल देने में उसका विस्तार है चरणों में उसके स्वर्गदवार है।​

Answers

Answered by aarambhisgmailcom
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Explanation:

दूसरों के प्रति नि:स्वार्थ सेवा का भाव रखना ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र है। नि:स्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी का भी हृदय परिवर्तन किया जा सकता है। हमें अपने आचरण में सदैव सेवा का भाव निहित रखना चाहिए, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हुए कामयाबी के मार्ग पर अग्रसर हो सकें। सेवारत व्यक्ति सर्वप्रथम अपने, फिर अपने सहकर्मियों व अपने सेवायोजक के प्रति ईमानदार हो। इन स्तरों पर सेवा भाव में आई कमी मनुष्य को धीरे-धीरे पतन की ओर ले जाती है। सेवा भाव ही मनुष्य की पहचान बनाती है और उसकी मेहनत चमकाती है। सेवाभाव हमारे लिए आत्मसंतोष का वाहक ही नहीं बनता बल्कि संपर्क में आने वाले लोगों के बीच भी अच्छाई के संदेश को स्वत: उजागर करते हुए समाज को नई दिशा व दशा देने का काम करता है।

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