प्रश्न 1 निम्नलिखित रेखांकित शब्दों में संज्ञा का भेद लिखिए ।
क) कुते के काटने से बालक चीख़ रहा था।
ख) यह मयंक ने समाचार-पत्र में पढ़ा था
ग) मकान के बाहर सिर्फ ईंटें होती हैं।
घ) दो घंटे बाद हमारा विमान उडान के लिए तैयार था।
ङ) त्यौहार जीवन में मिठास और जनमानस के व्यवहार में मधुरता बनाए रखते हैं।
Answers
CBSE Class 6 Hindi Grammar संज्ञा
जिस शब्द के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अथवा भाव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते हैं; जैसे-आयुष, नेहा, गाजियाबाद, पुस्तक, बुढ़ापा, ईमानदारी, गरमी इत्यादि।
संज्ञा के तीन भेद होते हैं
व्यक्तिवाचक
जातिवाचक
भाववाचक
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा – जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु के नाम का पता चले, वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे-जवाहर लाल नेहरू, अमिताभ बच्चन, नरेंद्र मोदी, बाइबिल, कुरान, रामायण, महाभारत, रूस, अमेरिका, दिल्ली, पंजाब आदि शब्द विशेष व्यक्ति, वस्तु और स्थान की ओर संकेत कर रहे हैं। इसलिए ये व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
2. जातिवाचक संज्ञा – जो शब्द किसी प्राणी, वस्तु या स्थान की पूरी जाति का बोध कराते हैं, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-चिड़िया, पुस्तक, पहाड़, अध्यापक, फूल, आदि।
अन्य उदाहरण – शेर, चीता, हाथी, तोता, कोयल, मोर, घोड़ा, नदी, सागर, पुस्तक, मेज, आदि।
3. भाववाचक संज्ञा – वे संज्ञा शब्द जिनसे प्राणी या वस्तु के गुण, दोष, अवस्था, दशा आदि का ज्ञान होता है, वे भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे-मिठास, बुढ़ापा, थकान, गरीबी, हँसी, साहस, वीरता आदि शब्द भाव, गुण, अवस्था तथा क्रिया के व्यापार का बोध करा रहे हैं। इसलिए ये भाववाचक संज्ञाएँ हैं।
इन्हें जानें।
भाववाचक संज्ञाएँ सामान्यतः महसूस की जाती हैं और अगणनीय (जिन्हें गिना न जा सके) होती हैं। इनका प्रयोग सदैव एकवचन में होता है।
जातिवाचक संज्ञाएँ गणनीय होती हैं। कभी-कभी व्यक्तिवाचक संज्ञा का प्रयोग जातिवाचक संज्ञा के रूप में किया जाता है। जैसे-हमारे देश में रावणों की कमी नहीं है।
हिंदी भाषा में अंग्रेजी के प्रभाव में संज्ञा के दो और भेद स्वीकृत कर लिए गए हैं। ये हैं-
द्रव्यवाचक संज्ञा, समूहवाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा – जो संज्ञा शब्द किसी धातु, द्रव्य, पदार्थ आदि का बोध कराते हैं, वे द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे-सोना, लोहा, घी, तेल, दूध, चाँदी, आटा, चीनी, चावल, आदि।
5. समूहवाचक संज्ञा – जिन संज्ञा शब्दों से एक ही जाति के व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का बोध होता है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-सेना, परिवार, दल, संघ, समूह, गुच्छा आदि शब्द एक ही जाति अथवा वस्तु के समूह का बोध कराते
भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण –
जातिवाचक संज्ञा से
वीर – वीरता
मित्र – मित्रता
पशु – पशुता
मधुर – मधुरता
कायर – कायरता
शत्रु – शत्रुता
बूंढा – बुढ़ापा
साधु – साधुता
लड़का – लड़कपन
विशेषण से
मुधर – मधुरता
मीठा – मिठास
कठोर – कठोरता
प्यासा – प्यास
नम्र – नम्रता
कुशल – कुशलता
सफ़ेद – सफ़ेदी
सरस – सरलता
अच्छी – अच्छाई
गरीब – गरीबी
लंबी – लंबाई
भूखा – भूख
दुष्ट – दुष्टता
गहरा – गहराई
आलसी – आलस्य
गहरा – गहराई
कटु – कटुता
क्रिया से
उड़ना – उड़ान
हँसना – हँसी
झुकना – झुकाव
काटना – कटाई
दौड़ना – दौड़
खोजना – खोज
झुकना – झुकाव
घबराना – घबराहट
दौड़ना – दौड़
हँसना – हँसी
हारना – हार
गिरना – गिरावट
मारना – मार
हँसना – हँसी
पढ़ना – पढ़ाई
पीटना – पिटाई
मिलाना – मिलावट
सर्वनाम से
मम – ममता
आप – आपा
स्व – स्वत्व
पराया – परायापन
सर्व – सर्वस्व
अप – अपनत्व/अपनापन
हारना – हार
अहं – अहंकार
Explanation:
this is a right answer, please follow this answer
Explanation:
प्रश्न 1 निम्नलिखित रेखांकित शब्दों में संज्ञा का भेद लिखिए ।
क) कुते के काटने से बालक चीख़ रहा था।
ख) यह मयंक ने समाचार-पत्र में पढ़ा था
ग) मकान के बाहर सिर्फ ईंटें होती हैं।
घ) दो घंटे बाद हमारा विमान उडान के लिए तैयार था।
ङ) त्यौहार जीवन में मिठास और जनमानस के व्यवहार में मधुरता बनाए रखते हैं।