प्रश्न 1. निर्भयता की प्राप्ति हेतु क्या अपेक्षित है ?
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Explanation:
कुछ घटनायें नजीर बन जाती हैं और एक देश व समाज के पूरे मानस को झकझोर देती हैं, दिसम्बर 2012 में दिल्ली में एक चलती बस में हुई सामूहिक बलात्कार एक ऐसी ही घटना थी। इस बर्बर अपराध में शामिल नाबालिग की उम्र उस समय 18 साल से कम थी, इसलिए उसका ट्रायल जुवेनाइल कोर्ट में हुआ था, उसे हत्या और रेप के जुर्म में तीन साल के लिए सुधार गृह भेज दिया गया था, जो कि भारत के किशोर न्याय अधिनयम के हिसाब से अधिकतम मुद्दत है। यह मुद्दत 20 दिसंबर को पूरी हो गई है, लेकिन पिछले कई हफ़्तों से उसकी रिहाई को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही थीं और असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।
शनिवार- रविवार की आधी रात को दिल्ली महिला आयोग द्वारा नाबालिग दोषी की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अनुमति याचिका (एसएलपी) लगाई गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए सुनवाई की तारिख सोमवार 21 दिसंबर को तय कर दी है। इससे पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उसकी रिहाई के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अर्जी लगाई थी, जिस पर उच्च न्यायालय ने फैसला देते हुए कहा है कि “क़ानून में जुवेनाइल अपराधियों के सुधार का प्रावधान है, पर अगर अपराधी में कोई सुधार न हो, तो ऐसे में सज़ा बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है।”