प्रश्न 1 ननम्नलिखित गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के लिए सही विकल्प च
ु
नकर लिखिए |
खेल से मन-मस्तिष्क का विकास होिा है | खेल के मैदान की ममत्रिा और भाईचारे का
कोई जिाब नह ीं | खेल-भािना हमें जीि की ख
ु
शी और हार के दख
ु से ऊपर उठाकर
समरसिा की ओर ले जािी है | यह समरसिा व्यस्ति को जीिन में समास्ननि और सफ़ल
बनािी है | खेल अनश
ु
ासन,सींघठन,पारतपररक सहयोग, साहस, विश्िास, आज्ञाकाररिा,
सहान
ु
भ
ू
ति, समरसिा आदद गण
ु
ों का विकास करके हमें देश का सभ्य िथा सुसींतक
ृि
नागररक बनािे हैं | खेल हमारे अनदर तनणणय लेने की शस्ति का विकास करिे हैं | ऐसा
कौन-सा ग
ु
ण हैजो हमें खेल से प्राप्ि नह ीं होिा | ‘िाटर ल
ू’ की विजय का रहतय समझािे
हु
ए एक अग्रीं ेज़ ने कहा था- “विद्याथी जीिन में खेल की भािना से प्रमशक्षिि होकर ह
‘एटन’ के मैदान में अींग्रेज़ों ने नेपोमलयन को ‘िाटर ल
ू’ के य
ुद्ध में परास्जि ककया था |”
आज के इस यग
ु
में िो खेलों का महत्त्ि और अधधक बढ़ गया है | आज बहु
ि बड़ी
आिश्यकिा इस बाि की है कक सींसार के विमभनन देश अपने-अपने मिभेदों को भ
ु
लाकर प्रेम
और शाींति से रहें| खले इसमें अपनी म
ु
ख्य भ
ू
ममका तनभािा है | समय-समय पर एमशयाई
खेल या यरू
ोपीय खेल या ओलस्पपक खेल–क
ूद का इस दृस्ष्ट से बहु
ि महत्त्ि है | सभी देशों
के हज़ारों लोग आपस में ममल बैठिे हैं | भाषा, रींग, जाति, धमण आदद की सींकीणण मयाणदाएँ
यहाँआकर टूट जािी हैं|
(1) िेि से विकयस होतय है –
(क) शर र का (ख) मन और मस्तिष्क (ग) शार ररक अींगों का (घ) ब
ुद्धध का
(2) िेिों से ननम्नलिखित में से कौन-सय ग
ु
ण विकलसत नहीां होतय ?
(क) अन
ु
शासन, पारतपररक सहयोग मसखािे हैं |
(ख) आज्ञाकाररिा भािना और विश्िास पैदा करिे हैं |
(ग) परतपर दश्
ु
मनी और िैमनतय पैदा करिे हैं|
(घ) सहान
ु
भ
ू
ति,समरसिा आदद गण
ु
ों का विकास |
(3) अांग्रेज़ों ने‘ियटर ि
ू’ के ्
ुदध मेंनेपोलि्न को कैसे परयजित कक्य थय?
(क) बहु
ि बड़ी सेना लेकर
(ख) सैतनक मशिा से प्रमशक्षिि होकर
(ग) विद्याथी जीिन में खेल भािना से प्रमशक्षिि होकर
(घ) नेपोमलयन की कमज़ोररयों को पहचान कर
(4) अांतररयष्ट्री् स्तर पर िेि प्रनत्ोगगतयएँ आ्ोिन होने से क््य ियभ होतय है ?
(क) भाषा,रींग,जाति,धमण आदद की सकीं ीणण मयाणदाएँयहाँआकर टूट जािी हैं|
(ख) एक दसू रे के ममत्र बन जािे हैं|
(ग) साथ में घ
ु
मने का मौका ममल जािा है |
(घ) मभनन-मभनन देशों की सींतक
ृ
तियों का पिा चलिा है |
(5) इस गद्यांश कय शीर्षक क््य हो सकतय है ?
(क) खेल का महत्त्ि (ख) खेल का मैदान (ग) मानमसक विकास (घ)शार ररक
विकास
प्रश्न 2 – ननम्नलिखित गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के लिए सही विकल्प च
ु
नकर लिखिए |
अभ्यास के बबना जीिन में सफलिा नह ीं ममलिी। पहल बार प्रत्येक कायण क
ु
छ कदठन
लगिा है। यदद व्यस्ति उस कायण को कदठन समझ कर बैठ जािा है िो उसे कभी भी नह ीं
कर सकिा। अमेररका के राष्रपति ने अभ्यासक्रम नह ीं छोड़ा और एक ददन राष्रपति पद
प्राप्ि कर मलया। यदद हम अभ्यास करना छोड़ देंगे िो सफलिा हमें छोड़ देगी। मोहपमद
गौर ने पथ्
ृ
िीराज चौहान पर विजय पाने के मलए साि बार प्रयत्न ककया और अींि में सफल
हो गया। तनरींिर अभ्यास एक ऐसी कीं
ु
जी है, जो मन
ु
ष्य के मलए सफलिा के द्िार खोल
देिी है। अभ्यास से विद्या अमिृ
बन जािी हैिो बबना अभ्यास के विद्या विष का रूप
धारण कर लेिी है। जो मन
ु
ष्य अभ्यास नह ीं करिा उसके पास विद्या अधधक समय िक
नह ीं दटकिी है। बहु
ि बड़ा गणणिज्ञ भी यदद अभ्यास छोड़ देगा िो गणणि उसे छोड़ देगा।
णखलाड़ी यदद खेल का अभ्यास नह ीं करेगा िो कभी भी कीतिणमान तथावपि नह ीं कर पाएगा।
अभ्यास अिश्य करना चादहए।
1. कदठन कायण कै से सरल हो जािा है?
क. दसू रों पर आधिि रहकर ख. तनरींिर अभ्यास करके
ग. भाग्य के भरोसे रह कर घ. बबना अभ्यास करें
2. सफलिा साथ कब छोड़ देिी है?
क. अभ्यास करने पर ख. काम अध
ूरा छोड़ने पर
ग. अभ्यास ना करने पर घ. कदठन कायण समझने पर
3. तनरींिर अभ्यास करना ककस की कीं
ु
जी है?
क. दहपमि हारना ख. सफलिा प्राप्ि करने की
ग. असफल होना घ. तनराश होना
4. मोहपमद गौर ने पथ्
ृ
िीराज चौहान पर विजय पाने के मलए ककिनी बार प्रयत्न ककए?
क. चार बार ख. एक बार
ग. िीन बार घ. साि बार
5. जो मन
ु
ष्य अभ्यास नह ीं करिा उसके पास तया नह ीं ददखिी है?
क. विद्या ख. धन
ग. सींपवि घ. पैसा
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