प्रश्न 1 पालन, संवहन और विकिरण को अपने परिवेश के पदाहरण से समझाते हुए
दो अतर स्पष्ट कीजिए।
अंक- शब्दसीमा 75-100
Answers
Explanation:
किसी अधिक गर्म पिण्ड से किसी अधिक ठंडे पिंड में ऊष्मा के पारगमन को ऊष्मा अन्तरण (हीट ट्रान्सफर) कहते हैं।किसी पदार्थ के एक भाग से दूसरे में अणुओं के जाने से हुए ताप ऊर्जा के संचार को संवाहन कहते हैं। तरल की गति के बढ़ने के साथ-साथ संवाहित ताप संचार भी बढ़ता है। द्रव के परिमाण में गति की उपस्थिति ठोस सतह और तरल के बीच ताप के संचार को बढ़ावा देती है।[2]
संवाहित ताप संचार के दो प्रकार होते हैं:
प्राकृतिक संवाहनः जब तरल की गति तरल के तापमान में परिवर्तनों के कारण हुए घनत्व के बदलावों के परिणाम स्वरूप उत्पन्न उत्प्लावन बलों के कारण होती है। उदा.किसी बाह्य स्रोत की अनुपस्थिति में, जब तरल का पिंड किसी गर्म सतह से संपर्क में आता है, तो उसके अणु अलग होकर फैल जाते हैं जिससे तरल के पिंड का घनत्व कम हो जाता है। जब ऐसा होता है, तब तरल ऊर्ध्व या क्षितिज के समानांतर विस्थापित हो जाता है जबकि अधिक ठंडा तरल अधिक घना हो जाता है और तरल डूब जाता है। इस तरह से अधिक गर्म आयतन उस तरल के अधिक ठंडे आयतन की ओर ताप का संचार करता है।[3]
संवाहित ताप संचार की दर दी जाती है:[5]
जब किसी वस्तु का तापमान उसके परिवेश या अन्य वस्तु की अपेक्षा भिन्न होता है तो ताप ऊर्जा का संचार जिसे ताप का बहाव या ताप का विनिमय भी कहते हैं, इस तरह से होता है कि वह वस्तु और उसका परिवेश ऊष्म-साम्यता ग्रहण कर लेते हैं; इसका मतलब है कि दोनों का तापमान समान हो जाता है। ऊष्मप्रवैगिकी के द्वितीय नियम या क्लॉज़ियस के कथन के अनुसार ऊष्मा का संचार हमेशा अधिक गर्म वस्तु से अधिक ठंडी वस्तु की ओर होता है। जहां कहीं भी पास-पास स्थित वस्तुओं में तापमान की भिन्नता होती है, उनके बीच ऊष्मा के संचार को कभी रोका नहीं जा सकता; इसे केवल कम किया जा सकता है।