प्रश्न
1. प्रभु के प्रति रैदास की भक्ति कैसी है?
2. कवि ने अपने आप को मोर क्यों माना होगा?
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Answer:
इस प्रकार प्रभु के प्रति रैदास की भक्ति दास्य भक्तिहै। प्रेम है। उसी प्रकार रैदास भगवान रूपी बादल को देखकर आनंद विभोर हो जाता है। इसलिए कवि ने अपने आपको मोर माना होगा।
Explanation:
रैदास अपने प्रभु के अनन्य भक्त हैं, जिन्हें अपनेआराध्य को देखने से असीम खुशी मिलती है। कवि नेऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि जिस प्रकार वन में रहने वाला मोर आसमान में घिरे बादलों को देख प्रसन्न हो जाता है, उसी प्रकार कवि भी अपने आराध्य को देखकर प्रसन्न होता है
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