प्रश्न-1 परिच्छेद को पढ़कर निम्नलिख्त प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(05)
पुस्तक का मानवजीवन में बहुत महत्त्व है। मानव ने सर्वप्रथम पुस्तक का आरंभ अपने अनुभूत ज्ञान
को विस्मृति से बचाने के लिए किया था। विकास के आदिकाल में पत्ते, ताड़पत्र, कांस्यापत्र आदि साधन इस
ज्ञानसंग्रह के सहायक रहे हैं, ऐसा पुस्तक का इतिहास स्वयं बताता है। पुस्तकें मानव को अपना अनुभव
विस्तृत करने में सहायक होती हैं, साथ ही उन्होंने अपने पूर्वजों के सभी प्रकार के कृत्यों को जीवित रखने की
ज़िम्मेदारी भी संभाली हुई है। आज के युग में प्राचीन वीरों, धार्मिक महात्माओं, ऋषियों, नाटककारों,
कवियों आदि का पता हम इन्हीं पुस्तकों के सहारे पाते हैं। पुस्तकें ही अंतरराष्ट्रीय विचारक्षेत्र में विभिन्न
देशों के दृष्टिकोणों को एक आधार पर सोचने के लिए बाध्य करती है।
A
1 मानव ने पुस्तक का आरंभ किसलिए किया था ?
2 विकास के आदिकाल में ज्ञानसंग्रह के कौन-से साधन थे?
3 पुस्तकों से हमें किसकी जानकारी मिलती है ?
4 'अपना' शब्द का विलोम शब्द लिखिए ?
5 परिच्छेद को योग्य शीर्षक दीजिए।
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Answer:
1)मानव ने पुस्तक का आरंभ अपने अनुभूत ज्ञान को विस्मृति से बचाने के लिए किया था।
2) विकास के आदिकाल पत्ते, ताड़पत्र, कांस्यापत्र आदि में ज्ञानसंग्रह से साधन थे
3)पुस्तकें मानव को अपना अनुभव विस्तृत करने में सहायक होती हैं, साथ ही उन्होंने अपने पूर्व जों के सभी प्रकार के कृत्यों को जीवित रखने की ज़िम्मेदारी भी संभाली हुई है।
4)पराया
5)पुस्तक का मानवजीवन में महत्त्व
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this is the right answer
Explanation:
plz mark as brainliest
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