प्रश्न 1 सूरदास के पदों की विशेषता है, गोपियों की वाकचतुरता। आपने ऐंसे और चरित्रों के
बारे में पंढा होगा, जिन्होंने अपने वाकचातुर्य के आधार पर अपनी पहचान बनायी जैसे
बीरबल, तेनालीराम, मुल्ला नसीरूद्धीन आदि। अपने मनपसंद चरित्र के कुछ किस्से संकलित
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बीरबल, तेनालीराम , मल्ला नसीरुद्दीन में से बीरबल मेरा मनपसंद चरित्र है।
बीरबल के किस्से
- एक बार अकबर बादशाह ने बीरबल की परीक्षा लेनी चाही कि बीरबल सच्चे अथवा डोंगी मदद मांगने वाले को पहचान लेता है या नहीं। बादशाह ने एक सैनिक को गरीब भिखारी का भेष बनाकर बीरबल के पास भेजा।
- उस भिखारी ने बीरबल से कहा कि उसके आठ बच्चे है तथा वह सभी आठ दिनों से भूखे है, कुछ मदद कीजिए।
- बीरबल एक क्षण में पहचान गए कि यह असली भिखारी नहीं परन्तु उन्होंने उसे अपने पीछे आने के लिए कहा , बीरबल उस रास्ते पर चलने लगे जहां से नदी पार करके जाना पड़ता था। बीरबल ने देखा कि उस भिखारी ने दो चार कदम चलने के बाद ही चप्पलें पहन ली।
- बीरबल ने उस भिखारी को बिना मदद किए ही लौटा दिया। दूसरे दिन बादशाह ने बीरबल से कहा कि कल तुम्हारे पास एक भिखारी आया था, तुमने उसकी सहायता किए बिना उसे क्यों भेज दिया, इस पर बीरबल ने कहा कि महाराज वह भिखारी नहीं एक डोंगी था क्योंकि उसने कीमती चप्पलें पहन रखी थी, चप्पलें भीख में मिल सकती है पर साफ सुथरे पैर भीख मांगने वाले के नहीं हो सकते। वह भिखारी नहीं था इसलिए उसे पथरीले रास्ते पर चलने की आदत नहीं थी।
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