प्रश्न -1 दिए गए पठित पद्यांश को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए|
हो मित्र या कि वह शत्रु हो,
परिचित हो या परिचय-विहीन,
तुम जिसे समझते रहे बड़ा
या जिसे मानते रहे दीन
यदि कभी किसी कारण से
उसके यश पर उड़ती दिखे धूल,
तो सख्त बात कह उठने की
तेरी जिह्वा से हो न भूल!
मत कहो कि वह ऐसा ही था,
मत कहो कि इसके सौ गवाह;
यदि सचमुच ही वह फिसल गया
या पकड़ी उसने गलत राह
तो सख्त बात से नहीं, स्नेह से
काम ज़रा लेकर देखो;
अपने अंतर का नेह
iiअरे थोड़ा-सा तो देकर देखो।
कितने भी गहरे रहें गर्त,
हर जगह प्यार जा सकता है,
(क) यदि कभी किसी कारण से
उसके यश पर उड़ती दिखे धूल,
तो सख्त बात कह उठने की
तेरी जिह्वा से हो न भूल! निम्न पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए
(ख) पतन की राह में चलने वाले व्यक्ति को राह पर कैसे लाया जा सकता है?
Answers
Explanation:
1- it means ke kabi aapko apne metra ke Yash ka majak banta dekhe to dhya rahe ki aapke muke se jo bhi nikle sahi nikle jo aake mitra ke hit me ho .
2 - galat rah me chalne vale vyakti ko danth kar ye fatkar kar nahi laya ja sakta balki use pyar se samjha kar laya ja sakta h . uski baato ko samaj kar or use apni bate samjha kar sahi rah per laya ja sakta h .
Explanation:
प्रश्न -1 दिए गए पठित पद्यांश को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए|
हो मित्र या कि वह शत्रु हो,
परिचित हो या परिचय-विहीन,
तुम जिसे समझते रहे बड़ा
या जिसे मानते रहे दीन
यदि कभी किसी कारण से
उसके यश पर उड़ती दिखे धूल,
तो सख्त बात कह उठने की
तेरी जिह्वा से हो न भूल!
मत कहो कि वह ऐसा ही था,
मत कहो कि इसके सौ गवाह;
यदि सचमुच ही वह फिसल गया
या पकड़ी उसने गलत राह
तो सख्त बात से नहीं, स्नेह से
काम ज़रा लेकर देखो;
अपने अंतर का नेह
iiअरे थोड़ा-सा तो देकर देखो।
कितने भी गहरे रहें गर्त,
हर जगह प्यार जा सकता है,
(क) यदि कभी किसी कारण से
उसके यश पर उड़ती दिखे धूल,
तो सख्त बात कह उठने की
तेरी जिह्वा से हो न भूल! निम्न पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए
(ख) पतन की राह में चलने वाले व्यक्ति को राह पर कैसे लाया जा सकता है?