Hindi, asked by manishaasharma00ll, 2 months ago

प्रश्न 1 द्रोण कौन थे? द्रुपद उनसे क्या कहा करते थे?
2 द्रोण परशुराम के पास क्यों गए?
3 द्रोण ने कुएं में गिरी गेंद किस तरह निकाली?
4 द्रुपद की मनोकामना किस तरह पूर्ण हुई?
5 द्रोण ने द्रुपद को सबक सिखाने का निर्णय क्यों लिया?​

Answers

Answered by krishkant20
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Answer:

( 1 ) भीष्म आदरपूर्वक द्रोणाचार्य को हस्तिनापुर लेकर आए और उन्हें कौरवों व पांडवों का अस्त्र विद्या सीखाने की जिम्मेदारी सौंप दी। जब कौरव व पांडवों की शिक्षा पूरी हो गई तब द्रोणाचार्य ने उनसे कहा कि- तुम पांचाल देश के राजा द्रुपद को बंदी बना कर मेरे पास ले आओ। यही मेरी गुरुदक्षिणा है।

( 2 ) - द्रोण परशुराम के पास इसलिए गए क्योंकि उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं।

( 3 ) द्रोणाचार्य ने पास में पड़ी हुई सींक उठा ली और उसे पानी में फेंका। सींक गेंद को ऐसे जाकर लगी, जैसे तीर और फिर इस तरह लगातार कई सींकें वे कुएँ में डालते गए। सींकें एक - दूसरे के सिरे से चिपकती गईं।

( 4 ) 1/7मां के गर्भ से नहीं जन्मी थी द्रौपदी

राजा द्रुपद ने ज्ञानी और तपस्वी दो ब्राह्मण भाइयों याज और उपयाज के कहने पर एक दिव्य हवन का आयोजन किया। क्योंकि द्रुपद एक ऐसा पुत्र प्राप्त करना चाहते थे, जो कौरवों और पांडवों के गुरु, गुरु द्रोणाचार्य का वध कर सके। इस हवन से राजा द्रुपद को पुत्र और पुत्री दोनों की प्राप्ति हुई।

( 5 ) इस घोर अपमान को द्रोण सहन नहीं कर सके तथा उन्होंने द्रुपद को सबक सिखाने का निर्णय लिया | कालान्तर में एक बार वन में भ्रमण करते हुए उन्होंने देखा की कौरव-पांडवों की गेंद तालाब में गिर गई। इसे देखकर द्रोणाचार्य का ने अपने धनुषर्विद्या की कुशलता से उसको बाहर निकाल लिया।

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