प्रश्न 1 उधो तुम हो अति बड़भागी, पंक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 2 सूरदास अब्ला भोरी, गुड चींटी ज्यो पागी। गोपियों की मनोदशा बताइए प्रश्न 3 प्रीति नदी में किसने पैर नहीं रखा है और क्यों प्रश्न 4 गोपियों ने मन वचन कर्म से किसे पकड़ रखा है प्रश्न 5 उधो गोपियों के लिए कौन सा रोग ले कर आ गए हैं? प्रश्न छे जागत सोवत स्वप्ना दिवस निसि कान्हा कान्हा जकरी, गोपियों की दशा वर्णन कीजिए प्रश्न 6 योग की समानता गोपियों ने किन चीजों से की ? प्रश्न 7 गोपी उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कहती है? प्रश्न 8तै क्यू अनीति करें अपुन जे और अनीति छुड़ाए, पंक्ति का भावार्थ स्पष्ट करें। प्रश्न 9 सूरदास की गोपियां अपने प्रेम के संबंध में क्या कहती हैं? प्रश्न 10 तुलसीदास के काव्य की भाषा कौन सी है उसकी शैली भी बताइए। कुल अंक 20 class 10 hindi
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1. प्रस्तुत पंक्तियों में गोपियाँ उद्धव (श्री कृष्ण के सखा) से व्यंग करते हुए कह रही हैं कि तुम बड़े भाग्यवान हो, जो तुम अभी तक कृष्ण के प्रेम के में नहीं पड़े।
2. गोपियाँ उद्धव को भाग्यशाली समझती हैं, जबकि वे खुद को अभागिन अबला नारी समझती हैं, क्योंकि वह बुरी तरह कृष्ण के प्रेम में पड़ चुकी हैं। गोपियाँ कृष्ण के प्रेम में इस तरह पड़ चुकी हैं, मानो जैसे गुड़ में चींटियाँ लिपटी हों।
3. उनके अनुसार श्री कृष्ण के साथ रहते हुए भी उद्धव ने कृष्ण के प्रेम-रूपी दरिया में कभी पाँव नहीं रखा और न ही कभी उनके रूप-सौंदर्य का दर्शन किया।
4. श्री कृष्णा को।
5. वियोग का संदेश।
6. कड़वी ककड़ी से।
7. जिनका मन चंचल है।
10. यह कविता ब्रज भाषा मे लिखी गई है, और यह भक्ति काल से संबंधित हैं।
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