प्रश्न 1.
व्यवसाय की कोई चार विशेषताएँ बताइए।
Answers
Explanation:
व्यवसाय (Business) विधिक रूप से मान्य संस्था है, जो उपभोक्ताओं को कोई उत्पाद या सेवा प्रदान करने के लक्ष्य से निर्मित की जाती है। व्यवसाय को 'कम्पनी', 'इंटरप्राइज' या 'फर्म' भी कहते हैं। पूँजीवादी अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार का प्रमुख स्थान है जो अधिकांशत: निजी हाथों में होते हैं और लाभ कमाने के ध्येय से काम करते हैं तथा साथ-साथ स्वयं व्यापार की भी वृद्धि करते हैं। किन्तु सहकारी संस्थाएँ तथा सरकार द्वारा चलायी जानी वाली संस्थाएं प्राय: लाभ के बजाय अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिये बनायी गयी होती हैं।
- वस्तुओं तथा सेवाओं का लेन-देन : व्यवसाय में लोग वस्तुओं अथवा सेवाओं के उत्पादन तथा वितरण कार्यों में संलग्न होते हैं। इन वस्तुओं में ब्रेड, मक्खन, दूध, चाय आदि जैसी उपभोक्ता वस्तुएं भी हो सकती हैं और संयन्त्रा, मशीनरी, उपकरण आदि जैसी पूंजीगत वस्तुएँ भी। सेवाएँ- परिवहन, बैंकिंग, बीमा, विज्ञापन आदि रूपों में हो सकती हैं।
- वस्तुओं तथा सेवाओं का विक्रय अथवा विनिमय : यदि कोई व्यक्ति अपने उपयोग के लिए या किसी व्यक्ति को उपहार देने के लिए कोई वस्तु खरीदता या उत्पादित करता है तो वह किसी प्रकार के व्यवसाय में संलग्न नहीं है। लेकिन जब वह किसी दूसरे व्यक्ति को बेचने के लिए किसी वस्तु का उत्पादन करता है अथवा खरीदता है तो वह व्यवसाय में संलग्न होता है। इस प्रकार व्यवसाय में क्रेता और विक्रेता के बीच वस्तुओं अथवा सेवाओं के उत्पादन अथवा क्रय में धन अथवा वस्तु (वस्तु विनिमय प्रणाली में) का विनिमय आवश्यक होता है। बिना विक्रय अथवा विनिमय के किसी भी क्रिया को व्यवसाय की संज्ञा नहीं दी जा सकती।
- वस्तुओं अथवा सेवाओं का नियमित विनिमय : इसमें वस्तुओं का नियमित उत्पादन अथवा क्रय-विक्रय होना आवश्यक होता है। सामान्यतया एकाकी सौदे को व्यवसाय की संज्ञा नहीं दी जा सकती। उदाहरण के लिए, यदि राजू अपनी पुरानी कार हरि को बेचता है तो इसे व्यवसाय नहीं कहा जाएगा, जब तक कि वह नियमित रूप से कारों के क्रय-विक्रय में संलग्न न हो।
- निवेश की आवश्यकता : प्रत्येक व्यवसाय में भूमि, श्रम अथवा पूंजी के रूप में कुछ न कुछ निवेश की आवश्यकता होती है। इन संसाधनों का उपयोग विविध प्रकार की वस्तुओं अथवा सेवाओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग के लिए किया जाता है।
व्यवसाय का अर्थ✔✔
➡व्यवसाय अंग्रेजी भाषा के Business (बिज्-निस) का हिदीं समानाथ्री शब्द है।
➡इस प्रकार व्यवसाय का शाब्दिक अर्थ हैं- किसी न किसी आर्थिक क्रिया में व्यस्त रहना। आपने टाटा कम्पनी समूह के बारे में तो सुना ही होगा। वे नमक से लेकर ट्रक एवं बसों तक बहुत सी वस्तुओ का उत्पादन करते हैं और उन्हें हम और आप जैसे लोगों को बेचते hai
➡व्यवसाय की विशेषताएँ
1.वस्तुओं तथा सेवाओं का लेन-देन -
व्यवसाय में लोग वस्तुओं अथवा सेवाओं के उत्पादन तथा वितरण कार्यों में संलग्न होते हैं। इन वस्तुओं में ब्रेड, मक्खन, दूध, चाय आदि जैसी उपभोक्ता वस्तुएं भी हो सकती हैं और संयन्त्रा, मशीनरी, उपकरण आदि जैसी पूंजीगत वस्तुएँ भी। सेवाएँ- परिवहन, बैंकिंग, बीमा, विज्ञापन आदि रूपों में हो सकती हैं।
2 वस्तुओंं तथा सेवाओंं का विक्रय अथवा विनिमय
यदि काइेर् व्यक्ति अपने उपयोग के लिए या किसी व्यक्ति को उपहार देने के लिए कोर्इ वस्तु खरीदता या उत्पादित करता है तो वह किसी प्रकार के व्यवसाय में संलग्न नहीं है। लेकिन जब वह किसी दूसरे व्यक्ति को बेचने के लिए किसी वस्तु का उत्पादन करता है
3 लाभ कमाने का उद्देश्य -
व्यावसायिक क्रियाओं का प्राथमिक उद्देश्य लाभ के माध्यम से आय अर्जित करना है। बिना लाभ के कोर्इ भी व्यवसाय अधिक समय तक चालू नहीं रह सकता। लाभ कमाना व्यवसाय के विकास और विस्तार की दृष्टि से भी आवश्यक होता है।
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